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RK सिन्हा बोले- लोकतंत्र के मंदिर में तो व्यवहार अशोभनीय न हो

March 24, 2021

 

पटना। भाजपा के संस्थापक सदस्य  एवं पूर्व सांसद, राज्य सभा आर.के. सिन्हा ने कहा कि कल जो कुछ भी बिहार विधान सभा में माननीय सदस्यों के द्वारा हुआ, वह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण भी है और शर्मनाक भी है। 

अपने जारी बयान में उन्होंने कहा- ऐसा बिहार में पहले कभी भी हुआ नहीं था। मैंने तो 1966 -1967 का समाजवादियों का वह भी काल देखा है, जब संयुक्त विधायक दल की सरकार थी। लोक नायक जय प्रकाश  नारायण जी का आन्दोलन का काल भी देखा है। वह दिन भी देखा है, जब लालू जी विपक्ष में थे और वह दिन भी देखा है जब वे मुख्यमंत्री थे। यह तो कभी भी नहीं हुआ है। इसकी कभी भी इजाजत नहीं दी जा सकती है, किसी भी लोकतंत्र में। 

विधान सभा लोकतंत्र का मंदिर है और आप सभी माननीय सदस्य उसके पुजारी हैं। फिर तो व्यवहार भी वैसा ही होना चाहिए। अब जो हो गया सो हुआ I अब आगे से तो ऐसे व्यवहार की पूनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। 

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RK SINHA Editorial: भारत कैसे करे पाक पर यकीन

March 24, 2021

 

आर.के. सिन्हा

अभी तक भारत का पाकिस्तान के मैत्री और बातचीत के प्रस्तावों पर ठंडा रुख अपनाना सिद्ध कर रहा है कि इस बार भारत अपने धूर्त पड़ोसी से संबंधों को सामान्य बनाने की बाबत कोई अनावश्यक उत्साहपूर्ण प्रयास करने वाला नहीं है। भारत ने पूर्व में जब भी पाकिस्तान के साथ मेल-मिलाप की ईमानदार कोशिशें कीं, उसे तो बदले में मिला करगिल या मुंबई का हमला।

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बावजा को अचानक से नया ज्ञान प्राप्त हो गया लगता है I वे कह रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान को अपने आपसी विवादों को हल कर लेना चाहिए, इससे दक्षिण एशिया में एक बेहतर वातावरण बनेगा। यह ज्ञान पहले कहाँ छिपा हुआ था ?

कारगिल मिला दोस्ती का हाथ बढ़ाने पर

जनरल कमर जावेद बाजवा वैसे तो बात सही कह रहे हैं। पर वे जरा यह भी तो बताएं कि उन पर भरोसा कैसे किया जाए। उनके ही एक पूर्ववर्ती या कहें कि पाकिस्तान सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ ने तब करगिल में पाकिस्तानी फौजों को भेजा था, जब दोनों मुल्क राजनीतिक स्तर पर बेहतर संबंध बनाने की तरफ बढ़ रहे थे। श्री अटल बिहारी वाजपेयी बस लेकर दिल्ली से लाहौर गए थे, दोस्ती का पैगाम लेकर। भारत अब भी पाकिस्तान के खिलाड़ियों, शायरों, कलाकारों के यहां आने के रास्ते में अवरोध खड़े नहीं करता। भारत को भी वहां के आम अवाम से रत्तीभर भी कोई परेशानी नहीं है। भारत ने हाल ही में पाकिस्तान की घुड़सवारी टीम को वीजा दिया। पाकिस्तान की टीम ने ग्रेटर नोएडा में इक्वेस्टियन विश्वकप क्वालिफायर प्रतियोगिता में भाग लिया, जहां भारत के अलावा पाकिस्तान, बेलारूस, अमेरिका व नेपाल की टीमें भी आईं थीं। पाकिस्तान टीम के कप्तान मुहम्मद सफदर अली सुल्तान ने भारतीयों की गर्मजोशी और मेहमान नवाजी का तहेदिल से धन्यवाद भी किया। भारतीय दर्शकों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बेहतरीन खेल को बहुत ही अच्छे ढंग से सराहा भी, यही है भारत की नीति और मिजाज।

कौन पड़ा बाजवा के पीछे

यह सच है कि पाकिस्तान में सेनाध्यक्ष राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से भी कहीं अधिक शक्तिशाली होता है। पर कमर जावेद तो कुछ समय पहले खुद ही परेशान चल रहे थे। पाकिस्तानी मीडिया में जरनल बाजवा की धार्मिक पहचान को लेकर बहस छिड़ी हुई थी। बाजवा के मुसलमान होने को लेकर ही सवाल उठाए जा रहे थे। पाकिस्तान की पेशावर हाईकोर्ट में एक पूर्व मेजर ने याचिका दायर की थी, जिसमें बाजवा की नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी गई कि वह कांदियानी समुदाय से आते हैं और मुसलमान नहीं हैं। कांदियानी समुदाय को पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिम के रूप में पहचाना जाता है। अहमदिया मुसलमानों को पाकिस्तान के मुख्य धारा के सुन्नी मुसलमान गैर-मुस्लिम मानते हैं। पाकिस्तान में कानून के तहत कोई भी गैर मुस्लिम शख्स आर्मी चीफ बन ही नहीं सकता है। कांदियानी मुसलमानों का मुख्यालय भारत के गुरुदासपुर में है। अब बाजवा जैसा सेना चीफ भारत से दोस्ती का आहवान कर रहा है हालांकि उसके अपने देश में कुछ कट्टरपंथी मुसलमान उनके हाथ धोकर पीछे पड़े हैं। बाजवा बीच-बीच में कश्मीर का मसला भी उठाते ही रहते हैं। यह भी सच है। पर वे पहली नजर में अपने पूर्ववर्ती राहील शरीफ की तरफ शायद भारत से नफरत नहीं करते। यह भी कह सकते हैं कि उनके मन में भारत को लेकर उस हद तक जहर नहीं भरा है जितना कि राहील शरीफ की जहन में भरा था । राहील शरीफ के पूर्वज खांटी राजपूत थे। वे अपने को बड़े फख्र के साथ राजपूत बताते भी थे । राहील शरीफ बार-बार कहते थे कि उनका देश भारत से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है। उनकी भारत से खुंदक की वजह शायद यह थी कि उनके अग्रज 1971 की जंग में मारे गए थे।

देखिए भारत में सरकार किसी की दल या गठबंधन की हो, भारत संकट के समय अपने पड़ोसियों या किसी अन्य देश को मदद पहुंचाने से पीछे नहीं हटता। इसका उदाहरण है कि भारत पाकिस्तान को कोरोना की साढ़े चार करोड़ वैक्सीन देने जा रहा है। भारत द्वारा पाकिस्तान को सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड दी जा रही है।

अपनी गिरेबान में झांके पाक

पाकिस्तान को अब अपनी गिरेबान में झांकना ही होगा कि वह क्यों भारत या भारत से जुड़े किसी भी प्रतीक से घृणा करता रहा है। अब पाकिस्तान में हिन्दी की हत्या को ही लें। संसार के मानचित्र में आने के बाद पाकिस्तान हिन्दी का नामो-निशान मिटा दिया गया। हिन्दी को हिन्दुओं की भाषा मान लिया गया। 1947 से पहले मौजूदा पाकिस्तान के पंजाब सूबे की राजधानी लाहौर के कॉलेजों में हिन्दी की स्नातकोत्तर स्तर तक की पढ़ाई की व्यवस्था थी। लाहौर में कई हिन्दी प्रकाशन सक्रिय थे। तब पंजाब में हिन्दी ने अपने लिए महत्वपूर्ण जगह बनाई हुई थी। हिन्दी पढ़ी-लिखी और बोली जा रही थी। पर 1947 के बाद हिन्दी की पढ़ाई और प्रकाशन बंद हो गए। तो यह है पाकिस्तान का चरित्र । पाकिस्तान ने भारत से नफरत करके उन लाखों मुसलमानों के ऊपर भी घोर नाइंसाफी की जिनके संबंधी सरहद के आर-पार रहते हैं। सबको पता है कि देश बंटा तो लाखों मुसलमान परिवार भी बंट गए। पर इनके बीच निकाह तो हो ही जाते थे। पर जब से पाकिस्तान ने अपने को घोर कठमुल्ला देश बना लिया और भारत से अनावश्यक पंगे लेने चालू कर दिए तो सरहद के आर-पार बसे परिवार हमेशा के लिए दूर हो गए।

निश्चित रूप से भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार तल्ख होते रहे रिश्तों के चलते सरहद के आर-पार होने वाले निकाहों पर विराम सा लग गया। एक दौर में हर साल सैकड़ों निकाह होते थे, जब दूल्हा पाकिस्तानी होता था और दुल्हन हिन्दुस्तानी। इसी तरह से सैकड़ों शादियों में दुल्हन पाकिस्तानी होती थी और दूल्हा हिन्दुस्तानी। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चीफ शहरयार खान ने चंदेक साल पहले अपने साहबजादे अली के लिए भोपाल की कन्या को अपनी बहू बनाया था। उनके फैसले पर पाकिस्तान में बहुत हंगामा बरपा। पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने शहरयार साहब पर हल्ला बोलते हुए कहा, “शर्म की बात है कि शहरयार खान को अपनी बहू भारत में ही मिली। उन्हें पाकिस्तान में अपने बेटे के लिए कोई लड़की नहीं मिली।” जवाब में शहरयार खान ने कहा, “भोपाल मेरा शहर है। मैं वहां से बहू नहीं लाऊंगा तो कहां से लाऊंगा।” दरअसल उनका भोपाल से पुराना गहरा रिश्ता रहा है। उनकी अम्मी भोपाल से थीं। वे नवाब पटौदी के चचेरे भाई हैं। लेकिन, उनके परिवार ने देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान का रुख कर लिया था।

अगर पाकिस्तान सच में चाहता है भारत से मैत्रीपूर्ण संबंध तो इस बार तो उसे पुख्ता प्रमाण देने होंगे।

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तभकार और पूर्व सांसद हैं।)

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बचकाना अशोभनीय हरकतों से बचे विपक्ष : RK सिन्हा

March 21, 2021

 

पटना। भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व सांसद, राज्य सभा आर.के. सिन्हा ने विपक्ष को बचकानी हरकतों से बचने की सलाह दी है। 

उन्होंने अपने जारी बयान में कहा कि लोकतंत्र में तो विपक्ष की बहुत ही गंभीर और अहम भूमिका होती है। लोकतंत्र का सही माने में पहरेदार तो विपक्ष ही होता है । मैंने तो 1966 से ही विपक्ष की राजनीति शुरू की। पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डा0 राम मनोहर लोहिया जी के नेतृत्व में संयुक्त विधायक दल की कल्पना हुई और हमने लड़ाई लड़कर 1967 में सरकार भी बनाई। 1968 में कांग्रेस ने सरकार गिरा दी।

1969 में मध्यावधि चुनाव के बाद फिर सरकार बनी संयुक्त विधायक दल की। फिर विपक्ष की अनेकों भूमिकायें में रहते हुए काम करते रहे। जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में इंदिरा जी का जमकर विरोध भी किया। लेकिन, जब इंदिरा जी ने 1971 में बंगला देश की लड़ाई पर विजय पाई, तो उनका समर्थन भी किया था। जब प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा के लिए एस0पी0जी0 एक्ट आया, आतंकवादियों पर नियंत्रण के लिए एन0एस0जी0 एक्ट आया और बहुत तरह के ऐसे विधेयक आये जिससे कि देश की आंतरिक सुरक्षा को ठीक करने की बात कही गई तो उसका समर्थन भी किया। 

आज जब बिहार में विपक्ष अपराध नियंत्रण की बात करता है तो उसे पुलिस के सशक्तिकरण के लिये इस विधेयक का समर्थन करना चाहिये, नहीं तो यही सिद्ध होगा कि विपक्ष अपराधियों के संरक्षण में ही दिलचस्पी रखती है।

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ऑटो रिक्शा वाले ने दिया सरकार को सुझाव, इस तरह गरीब परिवार के बच्चे बन सकते हैं डॉक्टर-इंजीनियर

March 21, 2021

 

पटना। आपको एक ऐसे ऑटो रिक्शा वाले के अनोखे प्यार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके गणित के प्यार ने सिर्फ 1 रूपया में 540 स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना दिया है। 

बिहार राज्य के रोहतास जिले में रहने वाले शिक्षक आरके श्रीवास्तव न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स के बीच एक चर्चित नाम हैं। इनका ‘1 रूपया गुरु दक्षिणा’ प्रोग्राम विश्व प्रसिद्ध है। 

इसके तहत वे आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को 1 रूपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बना रहे। आरके श्रीवास्तव की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उनके शैक्षणिक कार्यशैली के तहत आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को 1 रूपया में इंजीनियर बनाकर राष्ट्र निर्माण मे योगदान के लिये प्रशंसा कर चुके हैं। 

आरके श्रीवास्तव ने कहा कि वह शनिवार को शैक्षिक बैठक के लिए बिहार की राजधानी पटना गए थे। समय मिलने के बाद, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से उनके आवास पर मुलाकात की। अकादमिक चर्चा के दौरान, उप मुख्यमंत्री ने चाय के लिए कहा, मैंने कहा, सर, मैं चाय नहीं पीता, मैं केवल एक गिलास पानी पी लेता हूं।

शैक्षणिक चर्चा के दौरान, उन्होंने बिहार में शिक्षा के सुधार के लिए उपमुख्यमंत्री को एक सलाह दी। आरके श्रीवास्तव ने कहा कि बिहार बोर्ड के गरीब छात्रों में से कई 10 वीं पास करने के बाद IIT, मेडिकल की तैयारी करना चाहते हैं, लेकिन महंगे कोचिंग शुल्क के कारण उनका सपना सच नहीं होता है। 

सरकार को चाहिए कि 10 वीं की परीक्षा के बाद प्रत्येक जिले से प्रतिभाशाली बिहार बोर्ड के छात्रों का चयन किया जाए और सरकार को अलग से इस पर बजट पास करना चाहिए, ताकि सरकार आईआईटी, मेडिकल की तैयारी का पूरा खर्च गरीब छात्र को दे। और देश के किसी भी प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान, जो आईआईटी, मेडिकल की तैयारी करते हैं, इन छात्रों को जोड़ते हैं या सरकार के अध्ययन के लिए उस स्तर की फैकल्टी को बुलाते हैं। इससे उन छात्रों को भी लाभ होगा और एक बेहतर समाज का निर्माण होगा।

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खान सर और RK श्रीवास्तव के नन्हें स्टूडेंट्स ‘गूगल’ से भी तेज!

March 14, 2021

  

नई दिल्ली। भारत की इस महान भूमि पर अभी तक न जाने कितने महापुरुष पैदा हुए हैं, जिन्होंने अपने प्रतिभा से देश का नाम रोशन किया है और जिन पर हमें बहुत गर्व है। आर्यभट्ट की इस भूमि पर आज भी प्रतिभाओं की कमी नहीं है।

आज हम आपको खान सर और आरके श्रीवास्तव के ऐसे ही प्रतिभावान नन्हे स्टूडेंट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें (बिहार का Google Boy और Google Girl ) भी कहा जा रहा है। ये बच्चे उम्र में काफी छोटे होते हैं, लेकिन जब आप इनके बारे में जानेंगे, तो आप भी बहुत हैरान और गौरवान्वित महसूस करेंगे।

बिहार के लखीसराय जिले के एक छोटे से गाँव से आने वाले नन्हे बच्चों अंकित और शिवानी का सामान्य ज्ञान अद्भुत है। वही बिहार राज्य के रोहतास जिले का वॉन्ड़र बॉय शिवम गुप्ता अभी वर्ग 5 में है परन्तु 10 वी के प्रश्नो को करता है हल,आरके श्रीवास्तव का यह नन्हा स्टूडेंट्स वर्ग 5 में ही 10 वी के TRIGONOMETRY के सारे theory को किसी प्रोफेसर की तरह समझाता है।

वहीं Science में किसी भी topic पर घंटो LECTURE देने की क्षमता इस नन्हें बालक में है। ये बच्चे पलक झपकते हर सवाल का जवाब देते हैं। आपको बता दें कि बिहार राज्य और अपना देश अब तक इन बच्चों के लिए पूरी तरह से अनजान थे। खान सर, जो पटना में Khan GS Research Center कोचिंग चलाते हैं और आरके श्रीवास्तव रोहतास जिले के बिक्रमगंज में वॉन्ड़र किड्स प्रोग्राम चलाते है।

जहाँ वर्ग 5 से 7 तक के स्टूडेंट्स 10 वी के प्रश्नो को हल करते है, तो वर्ग 9 से 10 वी के स्टूडेंट्स 11वी, 12वीं और GRADUATION तक के गणित के पाठ्यक्रम को पढ़ते नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि पटना में कोचिंग चलाने वाले Khan Sir और बिहार के आरके श्रीवास्तव अपने शैक्षणिक कार्यशैली के माध्यम से बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। आपको बताते चलें कि आरके श्रीवास्तव गूगल बॉय कौटिल्य पंडित के भी गुरु है।

खान सर ने अपने चैनल पर एक वीडियो साझा करते हुए सभी को इन दोनों बच्चों के बारे में बताया। बिहार के लखीसराय के एक छोटे से गाँव से आने वाले अंकित की उम्र फिलहाल केवल 7 साल है, जबकि शिवानी की उम्र सिर्फ 5 साल है, लेकिन इतनी कम उम्र में भी ये बच्चे गूगल जैसे हर सवाल का जवाब देते हैं।

खान सर ने इन बच्चों से भूगोल, राजनीति विज्ञान और इतिहास के कई कठिन प्रश्न पूछे, लेकिन इन बच्चों के पास उन सभी सवालों के जवाब थे।

जब खान सर 70 समुद्रों और देश के नामों के बारे में पूछा तो इस छोटी सी दिखने वाली लड़की ने बिना रुके सभी नामों को एक साथ बताया। इसे देखकर खान सर भी दंग रह गए। जाहिर है, इतनी कम उम्र की लड़की के लिए इतने सारे नाम याद रखना आसान नहीं है।

WONDER KIDS PROGRAM क्या है?

आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक आँगन में वर्ग 3 से स्टूडेंट्स जुङना प्रारम्भ कर देते है। प्रत्येक दिन 4 से 5 घंटे तक स्टूडेंट्स को शिक्षा दिया जाता है। प्रत्येक रविवार को सुबह 7 बजे से शाम 7 तक लगातार 12 घंटे गणित का गुर आरके श्रीवास्तव सिखाते है। इसके अलावा आरके श्रीवास्तव के द्वारा चलाया जा रहा स्पेशल नाईट क्लासेज भी देश मे चर्चा का विषय बना हुआ।

अभी तक आरके श्रीवास्तव स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने हेतु 450 क्लास से अधिक बार पूरे रात लगातार 12 घंटे गणित का गुर सिखा चुके है। वंडर किड्स प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स सिर्फ 2 से 3 वर्षो मे 5 हजार से 7 हजार घंटे तक आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक आँगन मे गणित का गुर सीख चुके होते है।

जब ये स्टूडेंट्स वर्ग 7- 8 मे पहुँचते है तो ये स्टूडेंट्स 11वी, 12वी के सलेब्स को पूरे कॉन्सेप्ट के साथ पढ़ चुके होते है। वर्ग 10 वी में जब ये स्टूडेंट्स जाते है तो कई बार 11 वी, 12 वी के पाठ्क्रम सहित आईआईटी प्रवेश परीक्षा के पिछले 40 वर्षों के question bank को कई बार revision कर चुके होते है।

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Rituraj बोले- किसानों को गुमराह करने की कोशिश में लगा है विपक्ष

March 14, 2021

  

पटना/नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा, बाढ जिला संगठन के द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन, रूपस महाजी, 17 बीघा, बख्तियारपुर मे भाजपा के युवा राष्ट्रीय नेता ऋतुराज सिन्हा ने आज किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तेजी से बढ़ रहा है जिसे देखकर विपक्ष येन केन प्रकरण द्वारा किसानों को गुमराह करने की कोशिश में लगा है, इसलिये हमे जागरुक रहने की जरुरत है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी ने न सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने की बात की है बल्कि हर वर्ष इसमें वृद्धि भी होगी। ऐसा उन्होने पहले ही कहा है। इसलिये आप निश्चिंत रहिये देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर अग्रसर है। अब देश का किसान मजदूर बनकर नहीं बल्कि सुखी और समृद्ध किसान बनकर रहेंगे।

किसान सम्मेलन में राज्य सरकार के मंत्री अमरेन्दर प्रताप सिंह ने किसानों को नये कृषि कानून के सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी देते हुए किसानों को होने वाले फायदे के बारे में बताया।

सम्मलेन के उपरांत आज फतुआ में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यालय का उद्घाटन भी ऋतुराज सिन्हा और मिथिलेश तिवारी के द्वारा किया गया।

इस दौरान जिला प्रभारी एवं पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी, किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सरोज पटेल, बाढ जिलाध्यक्ष सियाराम सिंह, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष रुपेश, शोभा देवी सहित हजारो की संख्या मे कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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वरिष्ठ पत्रकार अजय पाठक के निधन पर शोक

March 14, 2021

महराजगंज (डीवीएनए)। नगर पालिका परिषद नौतनवा के वार्ड संख्या 21 राजेन्द्र नगर निवासी वरिष्ठ पत्रकार अजय पाठक का शनिवार की देर शाम निधन हो गया। पिछले तीन माह से कोयंबटूर के एक अस्पताल मे उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की सूचना मिलते ही नौतनवा के पत्रकारो मे शोक की लहर व्याप्त हो गई। रविवार को पत्रकारो ने एक शोक सभा कर अपनी संवेदना व्यक्त किया और मृत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया।
स्वर्गीय श्री पाठक पिछले 25 वर्षो से पत्रकारिता कर रहे थे। इस दौरान उन्होने सभी प्रमुख हिन्दी अखबारो एवं साप्ताहिक तथा मासिक पत्रिकाओ मे अपनी सेवाए दिया।
शोक व्यक्त करने वालो मे प्रमुख रूप से प्रेस क्लब अध्यक्ष अमित त्रिपाठी, जीत बहादुर गुप्ता, अतीक अहमद अब्बासी, पत्रकार राहुल त्रिपाठी, वरिष्ट पत्रकार गुलाम मुस्तफा इद्रीशी, अरविंद त्रिपाठी, राजा अग्रहरि, अजय जायसवाल, मुराद अली, इमरान खान, मोहम्मद आरिफ, अशोक गुप्ता आदि लोग रहे।

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चंचाई देवी मंदिर परिसर में शिव जागरण का हुआ आयोजन, रात भर भक्ति गीतों पर झूमते रहे लोग

March 14, 2021

महराजगंज डीवीएनए। नगर पंचायत सोनौली के गांधी नगर में स्थित चंचाई माता मंदिर में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शनिवार की शाम शिव जागरण का आयोजन किया गया। इसमें गायक कुमार धीरज, उर्मिला राज एवं उनकी टीम ने विभिन्न भक्ति गीत एवं झांकी प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। तालियों की गड़गड़ाहट एवं जयकारों से वहां का वातावरण भक्तिमय हो उठा। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा चंचाई माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद किया गया।
चंचाई देवी सेवा समिति के अध्यक्ष दिलीप त्रिपाठी वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय तिवारी एवं महामंत्री अमित त्रिपाठी ने आगंतुकों का आभार प्रकट करते हुए चंचाई माता से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हुए अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखने की कामना की। तत्पश्चात चंचाई माता सेवा समिति के संरक्षक मंडल उमेश चंद्र त्रिपाठी, बृजेश मिश्रा एवं बतौर अतिथि उपस्थित चैयरमैन नौतनवां गुड्डू खान, हियुवा जिलाध्यक्ष नरसिंह पांडेय ,कृपा शंकर त्रिपाठी,पप्पू खान, जलालुद्दीन, दयाराम जायसवाल,आदि लोगों को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया। इसके उपरान्त गायक कुमार धीरज, उर्मिला राज एवं उनकी टीम ने निविया के डाल मैया,मैहर से चुनरिया लेले अयिहा,लाल चुनरी में मैया कमाल लगेली सहित तमाम भक्ति गीतों पर गायकों ने समां बांध दिया ,लोग पूरी रात जागरण का आनंद लिए।साथ ही कलाकारों ने शिव झांकी और रासलीला प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। इसके उपरांत भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया।
इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय तिवारी, राम अशीष तिवारी, सुनील तिवारी,शिव ब्रह्मानंद पांडे ,प्रमित मिश्रा, संतोष पांडेय, रामबेलास यादव,शिरीष पांडेय,राहुल त्रिपाठी, रवि त्रिपाठी, अरविंद त्रिपाठी,राजेश त्रिपाठी,जलालुद्दीन, सभासद पप्पू खान ,दिलीप वर्मा,रिंकू जायसवाल, विनय जायसवाल,आदि लोग मौजूद रहे।

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RK सिन्हा का कांग्रेस पर जोरदार हमला, बोले- प्रजातंत्र की हत्यारिन कौन थी?

March 13, 2021

 

पटना। भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व सांसद, राज्य सभा आरके सिन्हा ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है।

उन्होंने अपने जारी बयान में कहा कि कांग्रेस पूरे देश में अब सत्याग्रह करके किसानों का सहयोग जुटाने की बात कर रही है। पहले तो उन्होंने पूरे किसान आन्दोलन को योजनाबद्ध ढंग से फाइनेन्स किया और पूरी कोशिश की कि किसानों का आन्दोलन उनके कब्जे में आ जाये। लेकिन, उनके सारे तिकड़म के बाद भी जब किसान उनके कब्जे में नहीं आये, तो अब वे सत्याग्रह का रास्ता अख्तियार करने वाले हैं। सत्याग्रह तो बहुत अच्छी चीज है।

मोदी जी तो ‘‘अमृत महोत्सव’’ की शुरुआत कर रहे हैं, आजादी के पचहतरवें वर्षगांठ के शुरुआत के रूप में । सावरमती आश्रम से डांडी मार्च का भी शुरुआत करवाया उन्होंने । कांग्रेस को समझ में ही नहीं आ रहा है कि वो करना क्या चाहती है? कांग्रेस अब बिलकुल फेसबुकिया पार्टी बन चुकी है। अब ट्विटर और फेसबुक ही इनका आधार रह गया है।

जनता से अब इनको कोई सरोकार नहीं रह गया है। अब ये प्रजातंत्र की बात करते हैं। आप जरा देख लीजिए कि इनकी पार्टी के अन्दर में प्रजातंत्र कितना है। प्रजातंत्र की हत्यारिन कौन थी? एक ही बार तो प्रजातंत्र की हत्या हुई है इस देश में । बार बार मिलिट्री शासन नहीं लगा है । एक बार ही प्रजातंत्र का गला घोंटने की असफल कोशिश की गई वह भी उन्हीं के महान नेताओं द्वाराI

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सिसवा में स्टेडियम का हो निर्माण, राजन विश्वकर्मा ने MLC देवेन्द्र प्रताप सिंह को पत्र सौंप की मांग

March 13, 2021

महराजगंज (डीवीएनए)। सिसवा विकास खण्ढ कार्यालय परिसर में नवनिर्मित महाराणा प्रताप सभागार का उदद्वाटन करने आये विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह को सभासद व युवा संगठन के अध्यक्ष राजन विश्वकर्मा ने एक पत्र देकर स्टेडियम निर्माण की मांग किया।
राजन विश्वकर्मा ने दिये पत्र में लिखा है कि सिसवा क्षेत्र के युवा लड़कों की मांग है कि एक स्टेडियम का निर्माण किया जाए, जो जनहित में है और किसी भी क्षेत्र में भर्ती हो धांधली न हो, कोरोना काल में के दौरान एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है अभी तक कोई भर्ती नही आई ऐसे में बहुत लड़कों की उम्र भी समाप्त हो रही है, भर्ती होने वाले युवाओं की मांग है कि उम्र में छूट दी जाए।

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अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया हजरत जुनैद बगदादी व इमाम अबू युसूफ हनफी अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक

March 13, 2021

गोरखपुर (डीवीएनए)। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर व सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार में हजरत सैयदना शैख अबुल कासिम जुनैद बगदादी अलैहिर्रहमां व हजरत सैयदना इमाम अबू युसूफ हनफी अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। कुरआन ख्वानी व फातिहा ख्वानी की गई।
चिश्तिया मस्जिद के इमाम हाफिज महमूद रजा कादरी ने कहा कि हजरत जुनैद बगदादी की पैदाइश 218 हिजरी में बगदाद में हुई। वालिद का नाम मोहम्मद बिन जुनैद था। आपका घराना इल्मी था। आपके मामू हजरत शैख सिर्री सकती मशहूर बुजुर्ग शख्सियत थे। आपने हजरत शैख सिर्री सकती, हजरत अबू उबैद व हजरत अबू अली सौर से तालीम हासिल की। बीस साल की उम्र में फतवा देना शुरू किया। आप बहुत बड़े वली, आलिम, शरीयत व सुन्नत के पाबंद थे। पूरी जिंदगी दीन-ए-इस्लाम का प्रचार करने में गुजार दी। आपका निधन 27 रजब 298 हिजरी में जुमा के रोज हुआ। आपका मजार शेनीज, बगदाद (इराक) में है।
सब्जपोश हाउस मस्जिद के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि हजरत अबू युसूफ की पैदाइश 113 हिजरी में कूफा (इराक) में ही हुई। तालीम व तरबियत कूफा में ही हुई। आप इमामे आजम अबू हनीफा के शागिर्द थे। आप फिक्ह के बहुत मशहूर व मारूफ इमाम हैं। इल्मो हिकमत, सियासत व मंजलत में कोई आपका हम पाया न था। आप हदीस के दरिया थे। आप बहुत बड़े आलिम व इबादतगुजार थे। आपने इल्म को आम किया। हनफियत को दुनिया के हर कोने तक पहुंचाया। आपके शागिर्दों में इमाम मोहम्मद, इमाम अहमद बिन हबंल जैसी अजीम शख्सियत का शुमार होता है। आप दुनिया-ए-इस्लाम के पहले चीफ जस्टिस थे। आपका निधन 182 हिजरी में हुआ। आपका मजार बगदाद (इराक) में है। आपकी खादिमात पर आलमे इस्लाम को फख्र है।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर अमनो अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी तकसीम की गई।
उर्स में हाफिज सैफ अली, महबूब आलम, हाफिज आमिर हुसैन निजामी, अबू बक्र, गुलाम जीलानी, हाफिज सद्दाम, मुजम्मिल रजा, इमरान, इमाम हसन, मुख्तार खान, मो. जैद, मो. रूशान, आसिफ रजा, रहमत अली अंसारी, साद अहमद, अजहर अली, फुजैल, फैजान, चांद अहमद, नेसार अहमद, शहाबुद्दीन, सलीम आदि मौजूद रहे।

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उलेमा बोले: कुरआन-ए-पाक व खलीफा की तौहीन बर्दाश्त नहीं, वसीम रिजवी हो गिरफ्तारी

March 13, 2021

गोरखपुर (डीवीएनए)। अल्लाह की अजीम मुकद्दस किताब कुरआन-ए-पाक से 26 आयतें हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले वसीम रिजवी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय में जबरदस्त गुस्सा है। उलेमा से लेकर अवाम तक में बेचैनी की कैफियत है। वसीम रिजवी पर कार्रवाई की मांग उठ रही है।
मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही (काजी-ए-शहर) ने कहा कि वसीम रिजवी कुरआन-ए-पाक व सहाबा-ए-किराम का सबसे बड़ा दुश्मन है। उसकी सोच व कृत्य मानसिक दिवालिएपन को दर्शाती है। ऐसा शख्स अमन शांति के लिए खतरा है। गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देकर सलाखों के पीछे डाला जाए। अल्लाह ने पैगंबर-ए-आजम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम पर कुरआन-ए-पाक नाजिल फरमाया। कुरआन-ए-पाक में हर चीज का इल्म है। कुरआन-ए-पाक तब से आज तक वैसा ही है जैसा नाजिल हुआ था और हमेशा वैसा ही रहेगा।
मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर) ने कहा कि वसीम रिजवी का दिमागी संतुलन बिगड़ चुका है। उसकी असली जगह जेल है। सरकार दीन व समाज के दुश्मन पर तुरंत एक्शन ले। गिरफ्तार करे। कुरआन-ए-पाक का एक नुक्ता, एक हर्फ भी बदलना असंभव है। कुरआन-ए-पाक में सभी लोगों के लिए रौशनी, हिदायत, हिकमत और शिफा है। यह किताब जिंदगी गुजारने का तरीक बताती है। जिंदगी का संविधान व नियम कानून है। आसमानी कानून है। यह किताब अच्छे बुरे में फर्क व तमीज करती है। यह अल्लाह की किताब है। कलाम भी है और सिफत भी। इसके एक-एक हुरूफ पढ़ने पर दस नेकियां मिलती हैं। कुरआन-ए-पाक व सहाबा-ए-किराम की तौहीन किसी भी सूरत में कोई भी गैरतमंद मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
मोती मस्जिद अमरुतानीबाग रसूलपुर के इमाम मुफ्ती खुश मोहम्मद मिस्बाही ने कहा कि मौजूदा कुरआन-ए-पाक के सभी हुरुफ और आयात हक और अल्लाह की तरफ से नाजिल की हुई हैं। किसी भी खलीफा ने घटाया बढ़ाया नहीं, कुरआन-ए-पाक इसकी खुद गवाही देता है। किसी भी खलीफा के ऊपर घटाने, बढ़ाने का इल्जाम कुरआन-ए-पाक, खलीफा और दीन-ए-इस्लाम की तौहीन है, जिसे कोई भी मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। वसीम रिजवी जैसे फसादी और समाज दुश्मन को फौरन गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए ताकी ऐसा फिर कोई और न करे। किसी भी आयत से समाज को किसी तरह का गलत मैसेज नहीं पहुंचता। कुरआन-ए-पाक की आयत में कमी नहीं, कमी दिमाग और सोच में है। वसीम रिजवी जैसे समाज के दुश्मन को दिमाग के इलाज की जरूरत है। इस जैसो का कोई दीन है न धर्म। ये अपने फायदे व मकसद के लिए मुल्क का माहौल खराब करते रहते हैं।
मुफ्ती मो. अजहर शम्सी (नायब काजी) ने कहा कि वसीम रिजवी विकृत मानसकिता वाला शख्स है। जो सस्ती लोकप्रियता के लिए मजहब व देश के कानून के साथ खिलवाड़ करता रहता है। ऐसे शख्स की तत्काल गिरफ्तारी की जाए। कड़ी सजा दी जाए। रिजवी देश व समाज पर बदनुमा दाग व कलंक है। कुरआन-ए-पाक में बदलाव करना तो दूर सोचना भी कुफ्र है। सहाबा-ए-किराम की तौहीन करने वाला गुमराह, बद्दीन व जाहिल है।
सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि कुरआन-ए-पाक, पैगंबर-ए-आजम, सहाबा-ए-किराम व अहले बैत की अजमत पर मुसलमान दिलो जान से कुर्बान हैं। बेहुर्मती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वसीम रिजवी का मानसिक संतुलन बहुत दिनों से बिगड़ा हुआ है। उसे इलाज की जरूरत है। वसीम रिजवी जैसे बहुत से दुश्मनाने इस्लाम आए और जहन्नम पहुंच गए मगर कुरआन-ए-पाक से 26 आयत तो दूर की बात एक नुक्ता न मिटा सके। हां, वह खुद जरूर मिट गए। नामोनिशान खत्म हो गया मगर अल्लाह की आखिरी किताब का जलवा आज तक बाकी है और बाकी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट याचिका खारिज कर वसीम की गिरफ्तारी का आदेश दे।
मस्जिद जामे नूर बहरामपुर के सदर कारी जमील मिस्बाही ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए वसीम रिजवा किसी भी हद तक जा सकता है। ऐसे शख्स पर लगाम लगनी ही चाहिए। रिजवी की तुरंत दिमागी जांच होनी चाहिए। उसका इलाज पागलखाने व जेल में ही मुमकिन है। भारत सरकार व उप्र सरकार को ऐसे शख़्स पर लगाम लगानी चाहिए। कुरआन-ए-पाक की हिफाजत का जिम्मा अल्लाह ने लिया है। वसीम रिजवी जैसे लाखों आ जाएं एक हर्फ व नुक्ता नहीं बदल सकते। वसीम रिजवी समाज में जहर घोलना चाहता है। उसकी सही जगह जेल है। न मुसलमान कुरआन-ए-पाक की तौहीन बर्दाश्त करेगा और न ही सहाबा-ए-किराम की।
गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि कुरआन-ए-पाक में बदलाव नामुमकिन है। हम न कुरआन-ए-पाक की तौहीन बर्दाश्त करेंगे न ही चारों खलीफा व सहाबा की। समाज, इंसानियत, देश की अखंडता, एकता व भाईचारे के दुश्मन वसीम रिजवी को गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी जाए। वसीम रिजवी ने कारून, फिरऔन, नमरुद, यजीद को भी पीछे छोड़ दिया है।
नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर के इमाम मौलाना मो. असलम रजवी ने कहा कि वसीम रिजवी फसादी है। उसकी सही जगह कैदखाना है। उसकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए। कौम व देश के दुश्मन को फांसी की सजा दी जाए। अल्लाह की किताब कुरआन-ए-पाक में न पहले बदलाव हुआ, न आज बदलाव होगा और न ही कयामत तक बदलाव मुमकिन है। कुरआन-ए-पाक व सहाबा-ए-किराम का दुश्मन दीन-ए-इस्लाम व पूरी इंसानियत का दुश्मन है।
है कौले मोहम्मद, कौले खुदा फरमान न बदला जाएगा, बदलेगा जमाना लाख मगर कुरआन न बदला जाएगा। कुरआन-ए-पाक का मुहाफिज अल्लाह है।

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बेनीगंज ईदगाह में हुआ मेराज-ए-मुस्तफा जलसा

March 13, 2021

गोरखपुर (डीवीएनए)। अल बरकात व बेनीगंज ईदगाह रोड मस्जिद की ओर से ईदगाह बेनीगंज में अजमते मेराज-ए-मुस्तफा जलसा हुआ। तसनीम अजीज, इफ्रा खातून, अलीजा खातून, रेशमा खातून, जोया महमूद, दरख्शां खातून, परवीन फातिमा, रौशनी खातून, हरीम, मो. फैसल, मो. अनस, मो. जोहैब, शहनूर फातिमा आदि बच्चों ने किरात, नात, तकरीर आदि के जरिए अपनी प्रतिभा दिखाई। जलसा संयोजक कारी मो. शाबान बरकाती, हाजी खुर्शीद व इकरार अहमद ने बच्चों को इनाम व दुआओं से नवाजा।
इसके बाद अजमते मेराज-ए-मुस्तफा जलसे में मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर), कारी अफजल बरकाती, कारी आबिद अली निजामी, मौलाना मो.जिब्राइल आदि उलेमा-ए-किराम ने शब-ए-मेराजुन्नबी के फजाइल बयान किए। कहा कि दीने इस्लाम ने नाप तोल में कमी, सूद, रिश्वत, जुआ, शराब और दूसरी नशे वाली चीजों को हराम करार दिया है, ताकि इन हलाक करने वाली बीमारियों से बचकर एक अच्छे व पाक साफ समाज को वजूद में लाया जा सके। दीन-ए-इस्लाम में झूट, गीबत, बुरी बात, किसी शख्स को गाली या धोखा देना, तकब्बुर, फुजूलखर्ची जैसी आम बुराइयों को खत्म करने की खुसूसी तालीमात दी गई है। समाज के नासूर यानी दहेज के लेन देन के बजाये सादगी के साथ निकाह करने की तरगीब दी है। दीन-ए-इस्लाम हर शख्स के सामान की हिफाजत करता है, चुनांचे चोरी, डकैती या किसी के माल को नाहक लेने को हराम करार दिया है। दीन-ए-इस्लाम गरीबों, मिस्कीनों और जरूरतमंदो का पूरा खयाल रखता है, चुनांचे मालदारों पर जकात व सदकात को वाजिब करने के साथ यतीम और बेवाओं की किफालत करने की बार-बार तालीम दी गई। दीन-ए-इस्लाम ने जकात का ऐसा निजाम कायम किया है कि दौलत चन्द घरों में सिमट कर न रह जाये। गरीब लोगों के गम में शरीक होने के लिये रोजे फर्ज किये, ताकि भूख प्यास की सख्ती का एहसास हो। अल्लाह तआला की अजीम नेमतों जैसे पानी आग और हवा की कद्र करने की तालीम दी गई।
कुरआन-ए-पाक से तिलावत का आगाज हुआ। नात-ए-पाक पेश की गई।
जलसे में मो. शमीम, मो. यूनुस, अकबर अली, बब्लू सलीम, मो. नदीम, मो. असलम, मो. फिरोज, मो, इब्राहिम, असगर अली, समीउल्लाह, अब्दुर्रहीम, अबरार अहमद, इसरार अहमद, अच्छू खान, काजी हसीबुल हसन आदि मौजूद रहे।

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MLC देवेन्द्र प्रताप सिंह पहुँचे सिसवा, ब्लाक परिसर में महाराणा प्रताप सिंह सभागार का किया उद्घाटन

March 13, 2021

महराजगंज (डीवीएनए)। सिसवा विकास खण्ड कार्यालय परिसर में आज विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा नव निर्मित महाराणा प्रताप सभागार का फीता काटकर उद्घाटन किया गया।
विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह दोपहर सिसवा विकास खंड कार्यालय परिसर पहुँचे और मन्त्रोच्चारण के बाद फीता काटकर नवनिर्मित महाराणा प्रताप सभागार का उद्घाटन किया।
इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यो के विषय में जानकारी दी।
इस समारोह के मुख्य अतिथि देवेन्द्र प्रताप सिंह रहे तथा खण्ड विकास अधिकारी अजय यादव, उदय प्रताप सिंह, एस एस श्रीवास्तव, नागेन्द्र मल्ल,धीरेन्द्र प्रताप सिंह, रामनाथ चंद्रशेखर सिंह, अनिरुद्ध मणि त्रिपाठी, प्रदीप कुमार, बांकेलाल कुशवाहा, ओमप्रकाश पटेल,जितेंद्र कुमार सिंह, राजन विश्वकर्मा, दिनेश तिवारी, जनार्दन यादव, भोरिक यादव, मुन्नू साहनी,कैलाश सिंह, रामानंद यादव, मिथिलेश मिश्रा, उमा प्रसाद, विजय श्रीवास्तव, सुनील कुमार, विकास सिंह, नीरज सिंह, राकेश त्रिपाठी, प्रदीप कृष्ण त्रिपाठी, रामधारी प्रसाद, शशिकांत पांडेय, अल्हाख, विपिन कुमार सहित तमाम ग्राम प्रधान, BDC व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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MLC देवेंद्र प्रताप सिंह कल सिसवा में, ब्लाक सभागार का करेंगे लोकार्पण

March 12, 2021

सिसवा बाजार-महराजगंज (डीवीएनए)। सिसवा विकास खण्ड परिसर स्थित ब्लाक सभागार का लोकार्पण कल 13 मार्च शनिवार को वित्तीय व अनुशासन के सभापति व विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दिन में 11 बजे की जाएगी।
इसकी जानकारी एमएलसी प्रतिनिधि राजन विश्वकर्मा ने दी है।

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महाशिवरात्रि: हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजेशिवालय,वामदेव शिव मंदिर का अनोखा रहस्य

March 11, 2021

बांदा डीवीएनए। महाशिवरात्रि पर्व पर बामदेवेश्वर मंदिर समेत अन्य शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर पूजन किया। बामदेवेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। कमोवेश यही हाल अन्य शिव मंदिरों में भी रहा। भोर से देर रात तक मंदिर हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजते रहे।
गुरुवार को महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लाष मनाया गया। प्राचीन मंदिर बामदेवेश्वर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जलाभिषेक को पहुंची। करीब पचास फिट ऊपर शिखर में गुफा में विराजमान शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए लोगो में खासी होड़ लगी रही। आलम यह रहा कि बामदेवेश्वर मंदिर से लेकर नीचे तक भक्तों की लम्बी कतार लगी रही। घंटो लोगो को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। जलाभिषेक व पूजन अर्चन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। मंदिर में भक्तों के आने जाने का अलग मार्ग निर्धारित किया गया था। मंदिर कमेटी के कार्यकर्ता जगह-जगह पर मुस्तैद थे। ताकि भक्तो को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके साथ शहर के अन्य शिवमंदिरों में भी यही हाल रहा। पूजन-अर्चन करने वाले भक्तों की भारी भीड़ रही। भोर से रात तक मंदिर हर-हर महादेव के जयकारें से गूंजतें रहें। सुरक्षा की दृष्टि से बामदेवेश्वर मंदिर समेत प्राचीन मंदिरों में पुलिस के साथ-साथ पीएसी लगाई गई थी। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने जगह-जगह पर बैरीकेटिंग की थी।
बाम्बेशवर शिवलिंग की स्थापना का रहस्य भी अँनोखा है
संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य पं. अशोक अवस्थी का कहना है कि यूतो बांबेश्वर में स्थित शिव¨लग की स्थापना का कही भी स्पष्ट उल्लेख नही है। बतातें है कि त्रेता युग में महर्षि बामदेव ने बांबेश्वर शिखर पर स्थित गुफा में तप व साधना की थी। यहां पर इन्हे सत्यम शिवम सुंदरम का बोध हुआ था। यही पर उन्हे भगवान शिव से साक्षात्कार हुआ। उसी समय शिव¨लग प्रगट हुए। जो बामदेवेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुए।
संवाद विनोद मिश्रा

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किशोरी से दुष्कर्म के दो दोषियों सजा, जुर्माना

March 11, 2021

बांदा डीवीएनए। शहर कोतवाली व अतर्रा क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर किशोरी से दुष्कर्म के दो दोषियों को अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सजा के साथ जुर्माना लगाया। एक मामले में दोषी को बीस वर्ष कैद व 24 हजार रुपये जुर्माना तो दूसरे में दस साल की कैद व पचास हजार रुपये जुर्माना सुनाया गया। दोनों का सजायावी वारंट बनाकर जेल भेज दिया गया। न्यायाधीश ने पीड़िता को क्षतिपूर्ति देने के लिए जिला विधिक सचिव को पत्र भेजकर सिफारिश की है।
अभियोजन के सहायक शासकीय अधिवक्ता शिवपूजन सिंह पटेल व कमल सिंह ने बताया कि पीड़िता की मां ने 28 अक्टूबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बताया था कि उसकी आठ वर्षीय बेटी रात करीब दस बजे बड़ी मां के घर खाना खाने जा रही थी। तभी रास्ते में मोहल्ले के छुट्टन उर्फ अमित कुमार ने पकड़ लिया और घर ले गया। जहां अश्लील हरकत की। शोर सुन लोग आ गए तो धमकी देते हुए भाग गया। सुनवाई के दौरान चार गवाह पेश किए गए। दोषी पाए जाने के बाद दोषी छुट्टन को बीस वर्ष की सजा और 20 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई। अलग-अलग धाराओं में एक-एक वर्ष की सजा और दो-दो हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।
इधर, दूसरे मामले में पीड़िता के पिता ने पांच अप्रैल 2018 को अतर्रा थाने में अदालत के आदेश प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी 15 वर्षीय बेटी सरकारी स्कूल में पढ़ती है। छह मई 2017 की रात घर के पीछे शौच को गई थी, तभी पड़ोसी वीरन डुमार ने तमंचा लगाकर घसीट लिया और दुष्कर्म का प्रयास किया। शोर सुन वह पहुंच गए तो आरोपित गोली मारने की धमकी देते हुए भाग गया। दोनों ही मामलों में अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया। सुनवाई के दौरान चार गवाह पेश किए गए। दलीलों व साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने दस वर्ष की कैद व पचास हजार रुपये जुर्माना सुनाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
संवाद विनोद मिश्रा

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सीएम को भाया रसिन बांध का प्राकृतिक सौंदर्य, ली सेल्फी

March 11, 2021

बांदा डीवीएनए। मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ का मन रसिन बांध नें मोह लिया और उनका मन सेल्फी के लिये मचल उठा। आपको बता दे कि रसिन को मिनी पाठा भी कहा जाता है। यहां खूबसूरत पहाड़ के साथ कोलुहा का घना जंगल भी है। इस प्राकृतिक नजारे के बीच सिंचाई विभाग ने करीब 141 करोड़ की लागत के रसिन बांध का निर्माण किया है। इसके प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय रसिन बांध में वाटर स्पोटर्स विकसित करना चाहते हैं।
रसिन बांध का लोकार्पण करने के पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने हवाई निरीक्षण किया। ऊंचे पहाड़ों के बीच बने बांध का प्राकृतिक नजारा सीएम को इतना भाया कि वह सेल्फी लेने से भी पीछे नहीं रहे। अपने मोबाइल में प्राकृतिक नजारे को अपनी फोटो के साथ कैद किया। फिर जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, नागरिक उड्डयन मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी, राज्यमंत्री बल्देव सिंह, सांसद आरके सिंह पटेल व विधायक आनंद शुक्ला के साथ ग्रुप फोटो भी खिचाई।
अपने उद्बोधन में कहा कि जो लोग विकास को लेकर सरकार पर सवाल करते हैं उनको सेल्फी से जवाब देंगे। जो भी सरकार ने विकास कार्य कराएं है उनकी फोटो खींचे।
संवाद विनोद मिश्रा

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मुख्य मंत्री के निर्देश: अवैध खनन करने वालों पर करें सख्त कार्रवाई, पर परिणाम हवा-हवाई

March 11, 2021

बांदा डीवीएनए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिन पूर्व बांदा दौरे पर आये तो मंडलीय समीक्षा बैठक में बालू के अवैध खनन का मामला सर्वाधिक गर्म रहा!चित्रकूटधाम मंडल में अवैध खनन पर कड़ा रुख अपनाते हुए योगी नें अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावी कदम उठाते हुए इसे रोका जाए। माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।दर असल मंडल के बांदा जिला में साड़ी खदान के सभी खंडों के अलावा, पैलानी, सादी मदन पुर, कनवारा सभी खण्ड, दुरेडी, लहुरेटा, नसेनी आदि में खदान संचालक अपने रसूख के चलते प्रशासन को लगातार चुनौती दे रहें है। साड़ी खदान खण्ड चार और दो जो राजा कन्ट्रेक्सन के नाम है इसमे बबेरू के एक पूर्व मंत्री की भी पार्टनर शिप है,जिसकी निगाहे जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी टिकी हुई है।
बांदा जिले की कुछ बड़ी बालू खदानों में कांग्रेस के एक पूर्व विधायक एवं भाजपा के एक वर्तमान विधायक की गलबहियां हैं। और बेखौफ होकर लाल सोने पर प्रशासानिक और पुलिस पहरे में डकैती डाली जा रही है। यहां तक कि कथित तौर पर बड़े प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया भी लाल सोने की डकैती के हमाम में नंगें है। माफियाओं के चांदी के जूते खा-खाकर दुम हिला रहे है। छोटे मीडिया कर्मियों को भी कुछ टुकड़े फेंक दिये जाते है और वह माफियाओं के कदमो में बैठा बेचारा लालच का लार टपकाता रहता है।जिलाधिकारी आनन्द कुमार सिंह हो या आयुक्त दिनेश सिंह बालू के अवैध खनन पर सख्त है। डीएम आनन्द नें नदी जलधारा में बने कई अवैध पुल तोड़वायें। सख्ती कर रहें है पर उनकी कार्यवाई मुखबिरी की शिकार हो जाती है।
संवाद विनोद मिश्रा

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दंगल में पहुंचे गिरजेश जायसवाल ने पहलवानों का मिलाया हाथ

March 11, 2021

महराजगंज डीवीएनए। सिसवा नगर पालिका परिषद अंतर्गत डढ़ौली शिव मंदिन पर आज महाशिवरात्रि के अवसर पर हर साल की तरह विराट दंगल एंव मेला का आयोजन हुआ। दगल में दूर-दूर से आये पहलवानों ने अपना दम दिखाया,।
इस दौरान सिसवा बुजर्ग ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गिरजेश जायसवाल ने पहलवनों का हाथ मिलाया, इस अवसर पर कमेटी के लोगों ने गिरजेश जायसवाल को माला पहना कर स्वागत भी किया।

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संतोष आनंद के घर RK श्रीवास्तव ने बिताए 2 दिन, बोले- ये रहेंगे जीवन के यादगार पल

March 11, 2021

 

नई दिल्ली। बिहार के शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने बताया कि सदी के प्रसिद्ध गीतकार संतोष आनंद का प्यार और आशीर्वाद प्राप्त हुआ। उनके दामाद ( पुत्रवत) चंद्र मौली और दीदी शैली का भी काफी प्यार और आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

मौली जी देश के प्रतिष्ठित पत्रकारो में शुमार है। आप सभी ने जो प्यार, दुलार हमें दिया उसके सदा आभारी रहेंगे। आपके घर पर बिताये दो दिन जीवन के यादगार पलो में से एक रहेगा।

उन्होंने कहा कि संतोष आनंद जी भारत के अनमोल हीरे है। 1975 और 1983 में दो बार फिल्मफेयर अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके है। ऐसे अनमोल लोग सदियों में एक बार जन्म लेते हैं। उन्होनें ऐसे सैकड़ों गीत दिये जो युगो युगो तक सुने जायेंगे।

उनके कुछ प्रमुख गीत
मुहब्बत है क्या चीज….(फ़िल्म: प्रेम रोग)
इक प्यार का नगमा है।…. (फ़िल्म: शोर)
जिंदगी की ना टूटे लड़ी …. (फ़िल्म: क्रांति)
मारा ठुमका बदल गई चाल मितवा …. (फ़िल्म: क्रांति)
मेधा रे मेधा रे मत जा तू परदेश (फ़िल्म: प्यासा सवान)
मैं न भूलूंगा, इन रस्मों को, इन कसमों को (फ़िल्म: रोटी कपड़ा और मकान)
ओ रब्बा कोई तो बताए (फ़िल्म: संगीत)
आप चाहें तो हमको (फ़िल्म: संगीत )
जिनका घर हो अयोध्या जैसा (फ़िल्म: बड़े घर की बेटी)
दिल दीवाने का ढोला (फ़िल्म: तहलका)
जिंदगी की ना टूटे लड़ी( फ़िल्म: क्रांति)
चना जोर गरम….(फ़िल्म: क्रांति)
ये शान तिरंगा (फ़िल्म: तिरंगा)
पीले पीले ओ मोरे राजा… (फ़िल्म: तिरंगा)
मैंने तुमसे प्यार किया …(फ़िल्म: सूर्या)

मशहूर गीतकार संतोष आनंद इन दिनों फिर से खूब सुर्खियों में हैं। लगता है जैसे किसी ने नदी के ठहरे पानी में कंकड़ दे मारा है। प्रसिद्ध शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने कहा कि देश के गौरव शतायू हो यही ईश्वर से कामना है। माता रानी हमेशा उन्हें स्वस्थ रखे।

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Editorial : जरा याद करें किस-किस ने किया था बटला हाउस कांड के हीरो का अपमान

March 10, 2021

 

आर.के.सिन्हा

कुछ वर्ष पूर्व ही देश की राजधानी में हुए बटला हाउस एनकाउंटर और उस एनकाउंटर में शहीद हो गए दिल्ली पुलिस के जाबांज इंस्पेक्टर मोहनचंद्र शर्मा की शहादत को सदियों तक भुलाया नहीं जा सकता सकता। 19 सितंबर 2008 को हुए एनकाउंटर में धाकड़ पुलिस अफसर शर्मा ने आस्तीन के सांपों की गर्दन में अंगूठा डाल दिया था। पर वे लंबे समय तक चली मुठभेड़ में बुरी तरह से घायल हो गए थे। उसी कारण अंततः उनकी मृत्यु भी हुई। उन्हीं इंस्पेक्टर शर्मा की जिस आतंकी आरिज खान की गोली से मौत हुई थी, उसे दिल्ली की एक अदालत ने हत्या का दोषी पाया है। वह खूंखार इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा था। आरिज को धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है। आजमगढ़ के रहने आरिज खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था।

यह कोई बहुत पुरानी बात नहीं है जब इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की मौत को लेकर जमकर सियासत हुई थी। उनकी शहादत की जानबूझकर वोटों की राजनीति की खातिर अनदेखी हुई थी। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने बटला हाउस एनकाउंटर को बेशर्मी से फर्जी बताया था। इतना ही नहीं, वे अपनी बात पर अड़े भी रहे थे। वे यहां तक कह रहे थे कि ‘मैं बीजेपी को इसकी न्यायिक जांच की चुनौती देता हूं। मैं अपने बयान पर अडिग हूं।’ अब जब अदालत ने आरिज खान को इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की हत्या के लिए दोषी मान लिया गया है तो संभव है कि वे सब शर्मसार होंगे जो उस बटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बता रहे थे। क्या अब इस पर भी दिग्विजय सिंह कुछ बोलेंगे? क्या उनमें इतनी नैतिकता बची है कि वे इंस्पेक्टर शर्मा के घर जाकर उसके परिवारवालों से माफी मांगेगे अपने उन शर्मनाक बयानों के लिए? बटला हाउस एनकाउंटर को ऑपरेशन बटला हाउस नाम दिया गया था। यह ऑपरेशन इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों के खिलाफ चलाया गया था, जिसमें दो आतंकी मारे गए थे और दो को गिरफ्तार किया गया था। बटला हाउस एनकाउंटर को लेकर जिस तरह की ओछी राजनीति हुई उससे इतने ठोस संकेत तो मिल गए थे कि भारत में एक बड़ा सा वर्ग देश के दुश्मनों के हक में बोलने से कतई बाज नहीं आता। बटला हाउस पर दिग्गी राजा से मिलते जुलते बयान ही कई अन्य नेताओं ने भी दिए थे। पश्चिम बंगाल की मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 17 अक्टूबर 2008 को जामिया नगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, “यह (बटला हाउस) एक फर्जी एनकाउंटर था। अगर मैं गलत साबित हुई तो राजनीति छोड़ दूंगी। मैं इस एनकाउंटर पर न्यायिक जांच की मांग करती हूं।” कायदे से तो उन्हें तो अब राजनीति छोड़नी ही चाहिए। उसी सभा में अमर सिंह ने कहा था, ‘आडवाणी जी मेरी निंदा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मैंने आपकी मांग का समर्थन किया है और मुझे माफी मांगने को कह रहे हैं। बीबीसी और सीएनएन ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। मैं आडवाणी जी से मांग करूंगा कि वे न्यायिक जांच की मांग में मदद करें।’ लेकिन, तब स्वर्गीय अमर सिंह समाजवादी पार्टी में थे।

बात यहीं तक नहीं रूकती I पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता सलमान खुर्शीद साहब ने 10 फरवरी 2012 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करते हुये यह सार्वजनिक दावा किया कि “मैंने जब बटला हाउस एनकाउंटर की तस्वीरें सोनिया गाँधी को दिखाई तब उनकी आँखों से आंसू गिरने लग गये और उन्होंने मुझे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी से बात करने की सलाह दी I” अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आंसू भरी आँखों से दी गई सलाह क्या हो सकती है ?

आतंकियों के जनाजों में भीड़

इसी भारत में आतंकियों के जनाजों में भीड़ भी उमड़ती है। आपको याद ही होगा कि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कश्मीर का कुख्यात आतंकी बुरहान मुजफ्फर वानी मारा गया था। उसके जनाजे में हजारों लोग उमड़े थे। तब दिग्विजय सिंह और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं की जुबानें पूरी तरह सिल गई थीं। इन और इन जैसों सभी छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों ने आतंकी के जनाजे में शामिल लोगों के लिए एक शब्द नहीं बोला था। याद कीजिए मुंबई धमाकों के गुनहगार याकूब मेमन की मुंबई में निकली शव यात्रा को । मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सीरियल बम विस्फोट के मामले में दोषी याकूब मेमन को नागपुर केंद्रीय कारागार में फांसी दी गयी। इसके बाद उसकी मुंबई में शव यात्री निकली। उसमें भी हजारों लोग शामिल हुए। जिनके हाथों पर मासूमों का खून लगा हो, क्या समाज के एक वर्ग को उनके साथ खड़ा कभी भी होना चाहिए? इस तरह के ही विक्षिप्त लोग इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के नेतृत्व में हुए एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर रहे थे। हिन्दुओं के खून का प्यासा बुरहान हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर के तौर पर काम करते हुए आतंकवादियों की भर्ती कर रहा था। मेमन की

मुंबई धमाकों की रणनीति बनाने में खास भूमिका थी।

देश का दुश्मन आरिज

आरिज खान भी देश का दुश्मन था। वह साल 2007 से हरकत में आए इंडियन मुजाहिद्दीन का सक्रिय सदस्य था। इंडियन मुजाहिद्दीन को पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों से मदद मिलती रही है। उसके 2007 में उत्तर भारत में हुए कई धमाकों से तार जुड़े हुए थे। इसी संगठन ने 2008 में अहमदाबाद में बड़ा धमाका किया था, जिसमें 50 लोग मारे गए थे। एक बात समझ से परे है कि मुसलमानों का एक वर्ग बिना कुछ समझे बूझे आतंकियों को अपना नायक क्यों मानने लगता है? क्या आतंकवाद का कोई धर्म भी होता है? हम सबने सुना है कुछ मुस्लिम दानिशमंदों को यह कहते हुए कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। ये बात सही है। तो फिर वे बुरहान और मेमन जैसों के हक में क्यों खड़े नजर आते हैं? बुरहान वानी को जेएऩयू में देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी उमर खालिद ने शहीद साबित करने की कोशिश की थीI उमर खालिद ने अपने फेसबुक पोस्ट पर बुरहान की तुलना लैटिन अमेरिकी क्रांतिकारी चे ग्वेरा तक से कर दी। वही खालिद उमर दिल्ली दंगों का मुख्य मास्टरमाइंड है। फिलहाल वह जेल में है।

देखिए एक बात सबको समझ आ जानी चाहिए कि आतंकवाद पर सारे देश को एक साथ मिल कर लड़ना होगा। भारत आतंकवाद की बहुत बड़ी कीमत अदा कर चुका है। इस मसले पर राजनीति तो किसी को नहीं करनी चाहिए। अगर हम आतंकवाद जैसे सवाल पर भी एक नहीं हुए तो फिर मान लें कि हम आतंकवाद से चल रही जंग में कभी भी विजय हासिल नहीं कर सकेंगे।

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तभकार और पूर्व सांसद हैं।)

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आर्मी विंग द्वारा संभाषण का आयोजन

March 08, 2021

आगरा (डीवीएनए)। एनसीसी आर्मी विंग आगरा कॉलेज, आगरा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज एक संभाषण का आयोजन किया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए आगरा कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संध्या मान ने कहा कि महिलाएं देश की सुरक्षा में अपने आप को आगे लेकर आ रही हैं।आज देश के अर्ध सैनिक बल हों या वायु सेना, थल सेना अथवा नौसेना, प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं ने मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। वायु सेना में तो महिलाओं पायलटों की संख्या विश्व के अन्य देशों की तुलना में दोगुनी है।

इस अवसर पर कंपनी कमांडर लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल ने “राष्ट्र की सुरक्षा में महिलाओं का योगदान” विषय पर पर बोलते हुए कहा कि भारत की महिलाओं ने सदैव इस देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोत्तम दिया है। चाहे वह पन्ना धाय हो या शिवाजी की मां जीजाबाई अथवा महारानी लक्ष्मी बाई। इनके योगदान को भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व याद करता है।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश वाहिनी एनसीसी के हवलदार वीरपाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन कैडेट प्रिया ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कैडेट दीप्ति ने किया।

संभाषण में बोलने वाले अन्य वक्ताओं में कैडेट देव चाहर, कीर्ति, कमलेश, वैभव शर्मा, राजीव यादव, नितिन, नंदनी, प्रियंका अग्रवाल आदि मुख्य रूप से थे। इस अवसर पर् यूओ सुरभि राजपूत, यूओ तनिष्का माथुर, यूओ प्रियांशु, हिमांशु, आशीष चौधरी आदि कैडेट्स उपस्थित रहे। लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल कंपनी कमांडर एनसीसी आर्मी विंग आगरा कॉलेज, आगरा।

संवाद , दानिश उमरी


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ताजनगरी की उभरती बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा गोस्वामी ने इंडियन आर्मी को दिया ट्रिब्यूट

March 08, 2021

आगरा।(डीवीएनए) “जी भर के देख लूं तुझे जाने से पहले। बांहों में भर लूं, तुझे प्यार कर लूं जाने से पहले..” माय स्टूडियोज द्वारा तैयार किए गए इस गीत के म्यूजिक वीडियो में सरहद पर जाते सैनिक की पत्नी के किरदार में आगरा की उभरती बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा गोस्वामी ने अपने जीवंत अभिनय से सबके हृदय में देशभक्ति की लहर पैदा कर दी।
अवसर था शुक्रवार-दोपहर संजय प्लेस स्थित होटल मेट्रो में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आगरा की बेटी और उभरती बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा गोस्वामी द्वारा सैनिकों को समर्पित देश भक्ति गीत के म्यूजिक वीडियो की रिलीज का।   

  आगरा के मशहूर फिल्म निर्माता और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सदस्य रंजीत सामा, प्रतिभा जिंदल,, नीरज तिवारी,  धनंजय सिंह, सूरज तिवारी, मुकेश नेचुरल,  डॉ. महेश धाकड़, संजय दुबे और नेहा गोस्वामी ने संयुक्त रूप से म्यूजिक वीडियो का पोस्टर रिलीज किया।
  इस दौरान बॉलीवुड में नेहा के अब तक के सफर को एक वीडियो द्वारा स्क्रीन पर खूबसूरती से दिखाया गया। सभी ने नेहा के शानदार अभिनय और जज्बे की सराहना की। इस अवसर पर नेहा गोस्वामी ने कहा कि बेटियों का नाम बढ़ाना और देश का मान बढ़ाना मेरी जिद है।

समारोह में एक और जहां आगरा के रंगकर्मियों, कलाकारों और समाजसेवियों ने उभरती एक्ट्रेस नेहा गोस्वामी का बुके, माला, मोमेंटो और शॉल द्वारा अभिनंदन किया, वहीं फिल्म निर्माता रंजीत सामा ने नेहा गोस्वामी को आर.ए. मूवीज की अगली फिल्म में मेन लीड का ब्रेक देने की घोषणा करके उसको सम्मानित किया।

कार्यक्रम का संचालन राहुल उपाध्याय ने किया।इस मौके पर नेहा गोस्वामी के पिता पदम गोस्वामी, मां निर्मला गोस्वामी, बहन शिवी गोस्वामी और भाई कृष्णा गोस्वामी के साथ साथ अनिल जैन, हरीश आहूजा, चंचल उपाध्याय, आदर्श नंदन गुप्त, विनीत बवानिया,  वासु मूलचंदानी, ऋषि बत्रा, रविंद्र अरोड़ा, नीरज राघव भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

एक विज्ञापन से शुरू हुआ था सफर
गौरतलब है कि होली पब्लिक स्कूल, सिकंदरा से शिक्षा प्राप्त नेहा गोस्वामी का सफर वर्ष 2018 में मस्टर्ड ऑयल की एक एड फिल्म से शुरू हुआ था। उसके बाद नेहा ने प्रिंट शूट्स, कैटलॉग शूट्स और प्रोडक्ट शूट्स किए। वर्ष 2019 में नेहा को सीनियर एक्टर किरन कुमार के साथ फिल्म ‘प्यार इसी को कहते हैं’ में काम करने का अवसर मिला। 
फिर वर्ष 2020 में ज़ी म्यूजिक कंपनी के एक म्यूजिक वीडियो ‘आ भी जाओ ना’ ने नेहा को एक नई पहचान दी। इस गाने को तीस लाख से भी ज़्यादा व्यूज़ मिले। वर्ष 2021 में ‘जी भर के देख लूं’ म्यूजिक वीडियो सबके सामने है। इसको भी अब तक 19 लाख से अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं। एक म्यूजिक वीडियो और एक फीचर फिल्म के लिए भी नेहा को चुन लिया गया है।
संवाद:-दानिश उमरी

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दहेज़ की विरोध में एकजुट हुआ मुस्लिम समुदाय

March 08, 2021

आगरा। (डीवीएनए) आल इंडिया जमीयतुल कुरैश के तत्वाधान में आज नमाज ए जुम्मा के बाद सदर भट्टी स्थित कैत वाली मस्जिद में अहमदाबाद की मरहूम बेटी आयशा बेगम की मफरत की दुआ मस्जिद के इमाम याय्या खान ने कराने के बाद कहा कि इस्लाम मजहब में पूरी तौर पर दहेज लेना और देना मना किया हुआ है। आज हमें तय करना है हुजूर मोहम्मद सहाब के बताए हुए रास्ते पर चलना है। जमीयतुल कुरैश के जिला अध्यक्ष मोहम्मद शरीफ काले भाई ने कहा कि मरहूम आयशा को उसके शौहर ने दहेज ना लाने की वजह से समय समय पर टॉर्चर किया और मरने पर मजबूर कर दिया यहाँ तक उससे कहा कि मरने से पहले वीडियो क्लिप वायरल कर दे।

जिससे मैं बेकसूर साबित हो सकूँ उस शैतान को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए हिंदुस्तानी बिरादरी के अध्यक्ष व भारत सरकार द्वारा कबीर पुरस्कार से सम्मानित डॉ सिराज कुरैशी ने कहा कि माँ बाप कितनी मेहनत करके बेटी के हाथ पीले करते हैं।और आँसू बहाते हुए कहते हैं कि बेटी ससुराल जाकर खुश रहे लेकिन जब उसका शौहर उसके साथ मारपीट करते हुए बीवी से दहेज के रूप में बड़ी रकम की माँग करता है तो शरीफ माँ बाप के ऊपर क्या बीत्ती है यह महसूस करने की बात है मरने से पहले मरहूम आयशा ने जो दुख भरी बातें करते हुए वीडियो वायरल किया है।
 उससे हर बेटे वाले और बेटी वाले को सबक लेना होगा।

ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैश के जिला प्रवक्ता अदनान कुरैशी ने आयशा की मौत पर दुख जताते हुए नौजवान लड़कों से आहवान किया दहेज के खिलाफ आगे आकर इस लड़ाई को लड़ैं, जिससे आयशा जैसी बहन की दोबारा जान ना जा सके।
 मीटिंग में मौजूद मोहम्मद शरीफ कुरैशी काले भाई, डॉ सिराज कुरैशी, अदनान कुरैशी, हाजी पापू, हाजी हीरो, मोहम्मद रईस, हाजी कदीर, मोहम्मद आमिर, ग्यास कुरैशी, मोहम्मद जियाउद्दीन, विरासत हुसैन, आदि मौजूद रहे।
संवाद:- दानिश उमरी

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ताजनगरी में जल्द नज़र आएगा संसद भवन, जानिए कब?

March 08, 2021

आगरा। (डीवीएनए) उत्तर भारत के ऐतिहासिक आयोजन भीमनगरी का भव्य मंच इस बार बिजलीघर स्थित रामलीला मैदान में सजाया जाएगा। जिसका भूमि पूजन सोमवार को बौद्ध गुरु व डॉ. जी. एस. धर्मेश राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की मौजूदगी में किया गया। मंच को बनाने बाले कारीगर कलकत्ता से बुलाये गए हैं। इस बार मंच 100 फ़ीट लंबाई उचाई और 150 फ़ीट चौड़ाई होगा।

इस अवसर पर राज्यमंत्री व भीमनगरी अध्यक्ष डॉ जीएस धर्मेश ने बताया कि भीमनगरी का आयोजन कार्यक्रम 15,16,17 को रजत जयंती के रूप में बनाया जाता है। जिसे पिछली वर्ष कोरोना के कारण स्थगित करना पड़ा था। लेकिन इस बार ऐसा नही होगा। भीमनगरी संम्पन्न होने जा रही है जिसका भूमिपूजन किया गया है।उन्होंने यह भी कहा कि भीमनगरी पदाधिकारी जल्द ही राष्ट्रपति कोविंद नाथ को निमंत्रण देने जाने वाले हैं। इसके अलावा कार्यक्रम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे।

केंद्रित समिति अध्यक्ष भरत सिंह पिप्पल ने बताया कि समय बहुत कम बचा है हम सब और समाज तन मन से लग चुके हैं।रजत जयन्ती को भव्य सुंदर बनाना ही हमारा संकल्प है।

इस अवसर पर भीमनगरी केंद्रित समिति महामंत्री धर्मेंद्र सोनी, महामंत्री अशोक पिप्पल, कोषाध्यक्ष श्याम जरारी, संयोजक सुभाष भिलावली, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश भारत, मीडिया प्रभारी आशीष कुमार प्रिंस, एसबी दिनकर, गजेंद्र, सन्तोष आदि भूमिपूजन के दौरान मौजूद रहे।

संवाद:- दानिश उमरी

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस श्रमिकों के लिए रहा ख़ास

March 08, 2021

आगरा। (डीवीएनए) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके उप श्रम आयुक्त कार्यालय गार्डन रॉड पर उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार्य कल्याण बोर्ड की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं में लाभार्थियों श्रमिकों को हितलाभ वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुप्रिया द्विवेदी श्रम प्रवर्तन अधिकारी द्वारा सभी उपस्थित लोगों को  महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं।

मधुलिका उप श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने किया इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं के लिए बहुत सारी लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।आज महिला पुरूष के समान अधिकार रखती हैं। वहीं सीमा जैन प्रोग्राम ऑफिस एनसीएलपी ने बताया कि नारी शक्ति का प्रतीक है इसका सम्मान करना चाहिए। इसके बाद उप श्रम आयुक्त के द्वारा लाभार्थी श्रमिकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

कार्यक्रम के अंत में धर्मेंद्र कुमार सिंह व ए. के. पांडेय श्रम प्रवर्तन अधिकारी कहा कि हमें सदैव महिलाओं का सम्मान एवं उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। 

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मनीष तिवारी प्रभारी बीओसी ने बताया कि आज के कार्यकम में पांच योजनाओं के लाभ वितरत किए गए जिसमें शिशु मातृत्व एंव बालिका मदद योजना में 326, पुत्री विवाह योजना में 250, संत रविदास शिक्षा सहायता योजना 35 साईकिलें, चिकित्सा सुविधा योजना  6953 व निर्माण कामगार मृत्यु एंव विकलांगता एवं अक्षमता पेंशन योजना 20 लाभार्थियों को  हित लाभ बांटे गए हैं। करना चाहिए को निर्माण पर देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर एस. एन.नागेश, प्रवीन कुमार दत्त, आर. एम. वर्मा, नीतेश दीक्षित, शैलेंद्र पाल सिंह व समस्त बीओसी स्टाफ़ मौजूद रहा।
संवाद:- दानिश उमरी

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RK Sinha Editorial: ऋषभ पंत की कामयाबी के संकेत और संदेश समझिए

March 07, 2021

 

आर.के. सिन्हा

देखिए कोई खिलाड़ी अपने चाहने वालों के दिलों पर राज तब करता है जब वह विपरीत हालातों में या खास मैचों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है। इस तरह के खिलाड़ियों को कहते हैं बिग मैच प्लेयर। डिएगो माराडोना, पेले, लारा, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर बिग मैच प्लेयर रहे हैं। अपने छोटे से करियर में ऋषभ पंत ने इस बात को बार-बार सिद्ध किया है कि वह बिग मैच प्लेयर है। देवभूमि उत्तराखंड के रूड़की शहर के पंत अब देश के सुपरस्टार हैं। उसकी सफलता को इस रूप में भी देखना होगा कि अब छोटे शहरों के नौजवान भी अपने आकाश छूने लगे हैं।

भारत ने अभी कुछ समय के अंतराल में आस्ट्रेलिया को आस्ट्रेलिया में ही और फिर इंग्लैंड को क्रिकेट टेस्ट सीरिज में हराया। इन दोनों ही सीरिज में पंत का प्रदर्शन शानदार रहा। वे बेखौफ अंदाज से खेलते हैं। उन्हें तेज गेंदबाज या स्पिनर बांध नहीं पाता है। पंत अपनी धमाकेदार बैटिंग से सबको प्रभावित कर चुके हैं। अब पंत को सारी क्रिकेट की दुनिया जानती है। पर मुझे उसकी चमत्कारी प्रतिभा के बारे में तब मालूम चल गया था जब वह अपने गृह नगर रूड़की में ही रहता था। वह तब प्राथमिक स्कूल में था। तब मैंने उसे अपने विद्यालय दि इंडियन पब्लिक स्कूल में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले एस.पी. सिन्हा टूर्नामेंट में खेलने को बुलाया I मैंने जब उसकी अदभुत क्षमताओं को खेल के मैदान में देखा तब मैंने उसे तुरंत अपने देहरादून स्थित पूर्णतः आवासीय दि इंडियन पब्लिक स्कूल में 100 प्रतिशत स्कालरशिप पर दाखिला दिलवा दिया। वहां उसे कायदे से तराशा गया। अपनी गौशाला के दूध-दही ने उसकी शारीरिक क्षमता का विकास किया I उसे श्रेष्ठ कोचिंग भी मिली। एक क्रिकेट कोच को खासकर उसी के लिये रखा गयाI ऋषभ के पिता एक प्राइमरी स्कूल टीचर थे I उन्हें तो विश्वास ही नहीं हुआ कि देहरादून के एक बड़े आवासीय विद्यालय में उनके बच्चे का एडमिशन 100 प्रतिशत स्कालरशिप पर हो गया है I

खब्बू पंत और महेन्द्र सिंह धोनी में कई समानताएं नजर आती हैं। दोनों मूल रूप से देवभूमि उत्तराखंड से हैं। हालांकि धोनी का परिवार रांची में बसा हुआ है। दोनों स्टारडम मिलने के बाद भी विनम्र है। धोनी और पंत अब भी अपने बड़ों का आदर करते हुए चरण स्पर्श करते हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है। भारत की क्रिकेट लगभग दस वर्षों तक धोनी के इर्द-गिर्द घूमी। वे हरेक आड़े वक्त में चट्टान की तरह से विकेट पर खड़े हो जाते थे।

पंत आस्ट्रेलिया से लेकर अहमदाबाद में विकेट पर किसी योद्धा कि तरह से डटे रहे। उन्होंने दोनों सीरिज में भारत की विजय को सुनिश्चित किया। हालांकि उन्हें क्रिकेट का ज्ञान देने वालों की कोई कमी नहीं है, पर वे खेलते रहे अपने मन से। वे गैर-जिम्मेदार नहीं है। पर ताबड़तोड़ खेलना उनका स्टाइल है। वे भविष्य के टीम इंडिया के कप्तान हैं। उन्हें अभी कम से कम 12-14 साल और खेलना है।

गुण नेतृत्व के

पंत चाहें तो धोनी से बहुत कुछ सीख सकते हैं। खासतौर पर नेतृत्व के गुण। धोनी विजय और पराजय में किसी साधु की तरह निर्विकार भाव से रहते थे। इसलिए ही धोनी बाकी से अलग माने गए। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों ने कोई अच्छे कर्म किए थे कि उन्हें इतना बेहतरीन कप्तान और बल्लेबाज मिला था।

पंत और धोनी का सफलता की नई-नई इबारतें लिखना सिद्ध करता है कि अब देश के छोटे शहर भी किसी से कम नहीं हैं। गुजरे कुछ सालों से देखने में आ रहा है कि देश के महानगरों या बड़े शहरों से हटकर छोटे शहरों के युवा भी शिखर को छू रहे हैं। पिछले साल हरियाणा के प्रदीप सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में देशभर में टॉप किया था। सोनीपत जिले के प्रदीप सिंह किसान परिवार से हैं। पिता खेती करते हैं। प्रदीप सिंह ने 2016 में यूपीएससी के लिए पेपर दिया था, लेकिन सफल नहीं हुए। 2017 में भी निराशा हाथ लगी। फिर उन्होंने इनकम टैक्स इंस्पेक्टर की नौकरी कर ली। 2018 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा क्लियर कर ली। उन्हें कस्टम एंड एक्साइज डिपार्टमेंट में तैनाती मिली। वे तब ट्रेनिंग पर थे। रैंक में सुधार करने के लिए 2019 में फिर से परीक्षा दी थी। हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में एक जगह है शाहबाद मारकंडा। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल शाहबाद मारकंडा से ही है। रानी रामपाल भी बेहद साधारण परिवार से हैं। वह रेलवे में नौकरी करती है। उसके पिता मजदूरी करके घर चलाते हैं।

किसकी बपौती बड़ी सफलता

मतलब यह है कि अब बड़ी सफलता बड़े शहरों की बपौती नहीं रही। बड़े शहरों में बड़े स्टेडियम और दूसरी आधुनिक सुविधाएं होगी। पर जज्बा तो छोटे शहर वालों में भी कम नहीं है। ये अवरोधों को पार करके सफल हो रहे हैं। इनमें अर्जुन दृष्टि है। ये जो भी करते हैं, उसमें फिर पूरी ताकत झोंक देते हैं। ये सोशल मीडिया पर बिजी नहीं रहते। यह बहुत पुरानी बातें नहीं हैं जब दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरू और कुछ दूसरे बड़े शहरों के चंदेक एलिट स्कूलों तथा कॉलेजों के ही स्टुडेंट्स यूपीएससी तथा दूसरी खास परीक्षाओं में टॉप करते थे। इन्हीं के बच्चे एक्टर, खिलाड़ी वगैरह बनते थे। नए भारत में सफलता का स्वाद सभी राज्यों के छोटे शहरों के बच्चों को लग गया है।

दरअसल अब एक तालमेल बैठ रहा है। सफलता छोटे–बड़े शहरों और महानगरों के नौजवानों को मिल रही हैं। पहले यह स्थिति नहीं थी। यह बात आप भी मानेंगे। देखिए कोई देश की लाख बुराई कर ले पर उसे भी इतना तो मानना होगा कि अब दूर-दराज के इलाकों में भी स़ड़कें बन गई हैं। अब बिजली की कटौती से किसी का जीवन नरक नहीं हो रहा है। इंटरनेट से दुनिया एक मुट्ठी में आ गई है। सूचनाओं और ज्ञान की सुनामी आ चुकी है। दरभंगा, बरेली, ग्वालियर का नौजवान भी विश्वास से लबरेज है। वह कायदे से अपनी बात रखता है। आप उसे खारिज नहीं कर सकते है। वह अपने लिए खुद की सही जगह बना रहा है।

आपको गुरुग्राम, नोएडा, बैंगलुरू, मोहाली जैसे बड़े आईटी केन्द्रों में हजारों मेरठ, देवास, आजमगढ़ वगैरह के आईटी पेशेवर दिन-रात काम करते हुए मिलेंगे। ये सम्मानजनक सैलरी कमा रहे हैं। अगर यहां पर छोटे शहरों से संबंध रखने वाले बच्चों के अभिभावकों की कुर्बानी की बात नहीं होगी तो बात अधूरी ही रहेगी। बेशक, ये अभिभावक अपने सीमित साधनों और संसाधनों के बावजूद अपने बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा और कोचिंग दिलवाने के लिए हर तरह के कष्ट खुशी-खुशी झेलते हैं। क्या कोई इनके योगदान को नजरअंदाज कर सकता है ?

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तभकार और पूर्व सांसद हैं।)

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वन विभाग की टीम ने झाड़ी से जाल व चाकू किया बरामद

March 06, 2021

महराजगंज (डीवीएनए)। वन विभाग की टीम ने आज नाथनगर बीट कंपार्टमेंट 1 में बेलासपुर के किनारे जंगल की झाड़ी में 3 अदद जानवर मारने वाला जाल और चाकू एवं दाब बरामद किया।
इस बरामदगी में वन सुरक्षा के राजेश यादव, अमर विश्वकर्मा,वीरेंद्र मौजूद रहे।

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UP सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य निर्वाचित होने पर सम्मानित किए गए मियां साहब, प्रथम नगर आगमन पर हुआ भव्य स्वागत

March 06, 2021

गोरखपुर (डीवीएनए)। राष्ट्रीय मानवाधिकार संघभारत गोरखपुर इकाई द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.सी शर्मा ष्निरंकारीष् एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ) शमशाद आलम एडवोकेट के निर्देश पर राष्ट्रीय प्रवक्ता ई.मो.मिन्नतुल्लाह व जिला अध्यक्ष सरदार जसपाल सिंह के नेतृत्व में इमामबाड़ा स्टेट के सज्जादानशीन सैय्यद अदनान फर्रुख अली शाह मियां साहब को लगातार तीसरी बार (निर्विरोध) उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का सदस्य चुने जाने पर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार संघभारत के सदस्यों द्वारा शाल ओढ़ाकर के माला पहनाकर और सम्मान पत्र देकर के मियां साहब को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रवक्ता ई.मो.मिन्नतुल्लाह ने कहा कि यह गोरखपुर वासियों के लिए गौरव का विषय है कि मियां साहब का संरक्षण समस्त पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश को निरंतर मिल रहा है और वह मुतवालियों की समस्याओं को लेकर और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरक्की के लिए निरंतर कोशिश कर रहे हैं। इस अवसर पर मियां साहब ने कहा कि यह मेरे लिए हर्ष का विषय है कि मुझे राष्ट्रीय मानवाधिकार संघऋभारत गोरखपुर इकाई के सदस्यों ने सम्मानित किया और साथ ही साथ अपनी जिम्मेदारियों का अहसास कराया मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है उसको बखूबी तरीके से निभाओ।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सरदार जसपाल सिंह ने कहा कि लोगों को आपसे बहुत उम्मीदें हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आप उनकी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। कार्यक्रम में अंत में कार्यक्रम सहसंयोजक राज शेख ने सबको अपना कीमती समय देने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही साथ डॉक्टर के शर्मा,राशिद कलीम अंसारी, मोहम्मद आकिब ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर हाजी जलालुद्दीन कादरी,ई. फारूक आजम ,इज्जत गोरखपुरी फैजनाउल्लाह, अयान, आशीष रूंगटा, मोहम्मद इमरान, राज शेख,सेराज सानू, फरहान आलम, मिनहाज सिद्दीकी, अशफाक हुसैन मेकरानी, पंकज मोदनवाल, डॉ राशिद हुसैन आदि उपस्थित रहे।

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यूपी के पूर्व डीजीपी स्व0 डॉ गिरीश बिहारी के जन्मदिवस पर संस्मरण सभा का हुआ आयोजन

March 06, 2021

लखनऊ डीवीएनए। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ गिरीश बिहारी के जन्मदिवस पर उनके कामो एवं उनके पुलिस विभाग में रहते हुए किये गए कार्यो का संस्मरण किया गया। इस मौके पर पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ विक्रम सिंह ने भी अपने विचार साझा किए।
यह आयोजन उनकी पुत्रवधू डॉ सीमा वर्मा की अध्यक्षता में उनके निवास स्थान उत्तरायण,एक शांति निकेतन न्यू हैदराबाद में किया गया । डॉ सीमा वर्मा ने स्व गिरीश बिहारी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि डॉ गिरीश बिहारी ना केवल कर्मठ , निर्भीक और ईमानदार पुलिस सेवा कर्मी के रूप में जाने जाते थे वरन उनके द्वारा मानवीय विचारधारा के साथ स्थापित शैक्षिक संस्थान ष्इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल एजुकेशनश् अपंग तथा आर्थिक रूप से कमजोर एवं होनहार विद्यार्थियों हेतु संचालित किया गया और आज भी उनके द्वारा स्थापित इस संस्था की गुणवत्ता हेतु डॉ गिरीश बिहारी को उनके विद्यार्थी स्मरण करते हैं।
उनके दोनों पौत्रों के लिए उनके बाबा का जीवन अत्यंत प्रेरणादायक है। वर्ष 2009 में उनकी मृत्यु के पश्चात अपने पिता द्वारा प्रचलित इसी मानवीय दृष्टिकोण एवं शिक्षा प्रणाली को उनके पुत्र अपूर्व वर्मा द्वारा आगे बढ़ाया गया ।
सभा मे निजी कारणों से न आ सके महानिदेशक डॉ विक्रम सिंह ने वीडियो कॉल के माध्यम से बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि डॉ गिरीश बिहारी ने भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पदों पर रहते हुए अनेक सफल प्रयोग किए । कम्युनिटी पुलिसिंग के ऊपर विश्व के प्रचलित व्यवस्था का अध्ययन किया और बरेली ,आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर रहते हुए अनेक सार्थक अभिनव प्रयोग किए । उन्होंने माफिया, अपराधियों तथा अनेक असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने का कार्य बहुत ही निर्भीकता से करके पुलिसकर्मियों के समक्ष मानक स्थापित किया ।
फतेहगढ़ के एक साधारण परिवार में जन्मे बहुमुखी प्रतिभा से युक्त डॉ गिरीश बिहारी पुलिस महानिदेशक के पद तक पहुंचे और अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाकर हर साधारण नागरिक के लिए अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल एजुकेशन संस्था के प्रांगण में स्थित डॉ गिरीश बिहारी की मूर्ति स्थित है और उनके लिए मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी द्वारा लिखी गई पंक्तियां , बिल्कुल सही प्रतीत होती है।
मैं अकेला ही चला था जानिब ए मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया

लखनऊ में उन्हें पुष्पांजलि देने हेतु उनकी पुत्रवधू डॉ सीमा वर्मा, पौत्र सिद्धांत वर्मा एवं अनंत वर्मा , उनकी भांजी रूपाली सक्सेना, मनीष सक्सेना, निशिथ कुमार,पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ विक्रम सिंह तथा उनके द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थान आई आई एस ई में कार्यरत कर्मचारी प्रतिमा श्रीवास्तव तथा अन्य मौजूद रहे।

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मेस का खाना खाया, शस्त्रों का प्रयोग कराया

March 06, 2021

बांदा डीवीएनए। चित्रकूटधाम मंडल के पुलिस महानिरीक्षक के. सत्यनारायणा के सालाना निरीक्षण ने शहर कोतवाली की सूरत बदल दी। आईजी के सामने सब कुछ दुरुस्त दर्शाने के लिए कई दिन से कोतवाली में तैयारियां की गईं थीं। आईजी ने कोतवाली का सघन मुआयना किया। पुलिस कर्मियों की सर्विस रिवाल्वर व अन्य असलहों का जायजा लिया और इनके इस्तेमाल का तरीका पुलिस कर्मियों से प्रयोग कराकर जाना। मेस का खाना भी खाया।
पुलिस महानिरीक्षक के.सत्यनारायणा शुक्रवार को दोपहर कोतवाली पहुंचे। आईजी संग पुलिस अधीक्षक डा. एसएस मीणा भी साथ थे। कोतवाली के गेट से लेकर परिसर तक कार्पेट बिछाई गई थी। पंडाल और गुब्बारों से परिसर को आकर्षक बनाया गया। सभी चैकी प्रभारी व उपनिरीक्षक उपस्थित थे। आईजी ने सफाई व्यवस्था, शस्त्रागार, हवालात, कार्यालय, कंप्यूटर कक्ष, मेस, महिला हेल्प डेस्क, मालखाना, मुकदमों से संबंधित लावारिस वाहन इत्यादि देखे। सफाई की सराहना की।
आईजी ने लावारिस वाहन आदि के बारे में प्रभारी निरीक्षक को निर्देश दिए कि इनके निस्तारण की कार्रवाई करें। आईजी ने कई दरोगाओं से उनके शस्त्रों के इस्तेमाल के तरीके देखे। पुलिस कर्मियों की समस्याएं भी पूछीं। आईजी और एसपी ने कोतवाली की मेस का खाना खुद खाकर उसकी गुणवत्ता परखी। निरीक्षण के दौरान एएसपी महेंद्र प्रताप चौहान , क्षेत्राधिकारी अजय सिंह भदौरिया, कोतवाली प्रभारी जयश्याम शुक्ला सहित सभी चौकी प्रभारी, एसआई, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल, महिला आरक्षी और चौकीदार मौजूद थे।
संवाद विनोद मिश्रा

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पाठा में तीन किमी सुलग रहे जंगल, जीव जंतु फंसे

March 06, 2021

बांदा डीवीएनए। गर्मी की दस्तक के साथ ही चित्रकूट मण्डल के पाठा के जंगल सुलगने लगे हैं। रानीपुर वन्यजीव विहार के जंगल में करीब तीन किलोमीटर में आग फैली है, जिसमें जीव जंतुओं के फंसे होने की संभावना है। सेंचुरी की कई टीमें फायर टैंकर के साथ आग में काबू पाने का प्रयास कर रही है। यह आग गुरुवार की शाम से धधक रही है। रात में लोगों ने तेज लपटे उठते हुई देखा।
रानीपुर वन्य जीव विहार के मानिकपुर रेंज के रानीपुर , गिहुरहा व निही चरैया व मारकुंडी रेंज के कल्याणपुर वीट मे आग सुलग रही है। धूं-धूंकर जल रहे जंगल में वन संपदा को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही कई जीव जंतुओं के भी मरने की संभावना है। वैसे वन्यजीव विहार के अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं। सेंचुरी के रेंजर त्रिवेणी प्रसाद अपने टीम व ग्रामीणो के सहयोग से आग पर काबू पाने मे जुटे है ।
रेंजर ने बताया कि जंगल में सूखे पत्तों में जलती हुई बीड़ी फेंकने से आग भड़की है। गिदुरहा जंगल में गुरुवार की दोपहर में आग लगी थी जिसको बुझा दिया गया था लेकिन रात में फिर आग भड़क गई। जो धीरे-धीरे कई किलोमीटर में फैल गई है। कल्याणपुर बीट में आग सीमा से सटे मध्य प्रदेश के जंगलों से पहुंची है। आग को कटाने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। जमीन में पड़े सिर्फ खर पतवार व पत्ते आदि जले हैं। न ही किसी जानवर के मौत की खबर है। आग को देखकर पहले ही वन्यजीव भाग जाते हैं।
रानीपुर वन्य जीव विहार के प्रतिपालक जीडी मिश्रा मारकुंडी रेंज में छह व मानिकपुर रेंज की 11 बीटों में आग के नियंत्रण के लिए फायर लाइन (खरपतवार हटाना) बनाने का काम किया जा रहा है। हर वर्ष जंगलों में आग लग जाने से जीव जंतु दहशत में रहते है। ग्रामीणों को हिदायत दी गई है कि गर्मी को देखते हुए बीडी , सिगरेट , माचिस लेकर जंगल में न जाए । अगर कोई मिलता है तो कार्यवाही की जाएगी।
संवाद विनोद मिश्रा

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भाजपा की बैठक: पंचायत चुनाव में भगवा लहराने के प्रदेश ने दिए चुनावी टिप्स

March 06, 2021

बांदा डीवीएनए। भाजपा पंचायत चुनाव में भगवा परचम लहरा कर, पंचायत से पार्लियामेंट तक सरकार बनाने के सपने पाले है। इसी क्रम में जिला भाजपा कार्यालय के सभागार में पंचायत चुनाव में लगे भाजपा कार्यकर्ताओं को भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र प्रभारी प्रियंका सिंह रावत ने चुनावी टिप्स दिये।प्रत्येक गांव के बूथ में कमल खिलाने का आह्वान किया।
जिला पदाधिकारी, पंचायत चुनाव के दृष्टि से बनाए गए जिला पंचायत वार्ड प्रभारी, संयोजक, ब्लॉक संयोजक, प्रभारी , मंडल अध्यक्ष, मंडल प्रभारी बैठक में उपस्थित थे।अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिलाध्यक्ष रामकेश निषाद द्वारा बैठक का विषय रखते हुए स्वागत भाषण किया गया। इस अवसर पर भाजपा जिला प्रभारी सत्यपाल सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सब के नेतृत्व में हमको चुनाव लड़ना है और जितना भी है। यह क्रेडिट जब हम सामूहिक रूप से लेते हैं तो वह शक्ति बन जाती है और विपरीत परिस्थितियों में भी जब हम कार्य करके दिखाते हैं तो उससे हमारी उपयोगिता सिद्ध होती है। बैठक में जनपद के प्रवास में आई भाजपा प्रदेश महामंत्री तथा कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र की प्रभारी प्रियंका सिंह रावत का मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी की आगामी कार्य योजना को सक्रिय रुप से कार्य करते हुए संचालित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। आज से 10 मार्च तक सभी ग्राम पंचायतों की बैठकें आयोजित करते हुए आगामी 11 मार्च से 18 मार्च तक ग्राम चैपाल और ग्राम संपर्क अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, पिछड़ा मोर्चा तथा अनुसूचित मोर्चा जिला पंचायत वार्ड वार अपनी टीम लगाकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में 5 लोगों की सक्रिय टीम निकालें जो जनसंपर्क कर पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम चैपाल और ग्राम संपर्क अभियान सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित किए जाएं। सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 19 मार्च से 25 मार्च को होने वाले कार्यक्रमों हेतु प्रत्येक ग्राम में लाभार्थियों को सूचीबद्ध करते हुए उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करें। प्रत्येक ग्राम पंचायत में संपर्क टोली तथा सामाजिक टोली, दो तरह की टोलियां बनाकर समाज के प्रत्येक वर्ग तक अपनी पहुंच बनाते हुए उन्हें सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना है। चैपाल समापन के बाद सभी कार्यकर्ता कमल के फूल प्रतीक का पटका डालकर ग्राम भ्रमण में निकलेंगे और लोगों से संपर्क कर उन्हें विकास कार्यों का पत्रक भेंट करेंगे। पंचायत चुनाव के कुशल संचालन को दृष्टिगत रखते हुए तीन प्रकार की संचालन समिति बनाई गई हैं जिसमें जिला संचालन समिति, ब्लॉक संचालन समिति तथा जिला पंचायत वार्ड संचालन समिति प्रमुख हैं। कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए उन्होंने कहा की दम लगाओ आपका परिश्रम, पसीना बेकार नहीं जाएगा। पंचायत चुनाव के जिला संयोजक संतोष गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बैठक समापन की घोषणा की जबकि संचालन जिला महामंत्री संजय सिंह द्वारा किया गया।
संवाद विनोद मिश्रा

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पैलानी बालू खदानों के नजदीक चल रहा अवैध खनन अड्डी बनी तीन मजदूरों की मौत का कारण

March 06, 2021

बांदा डीवीएनए। पैलानी बालू खदान जो युवा मजदूरों की कब्रगाह बन गई बालू खदान अवैध खनन का अड्डा बताई गई है। पैलानी खदान क्षेत्र के नजदीक मिट्टी के नीचे गहरी खुदाई कर बालू निकालने के स्थान को अड्डी कहा जाता है। खदान संचालकों के रहमोकरम पर इन अड्डियों का संचालन गांव का ही कोई व्यक्ति हथिया लेता है। यहां से निकाली जाने वाली बालू का पैसा वही वसूलता है। और बालू खदान संचालक से धनराशि का बटवारा हो जाता है!इस घटना में भी यही हुआ! तीनों युवा मजदूर कई दिनों से इस अड्डी खदान में आने वाले वाहनों में बालू लोड कर रहे थे। हादसा होने के बाद अड्डी संचालक नदारद हो गया।
खदान में जान गंवाने वाले मजदूर महेश की शादी पिछले वर्ष ही हुई थी। वह घर का कमाऊपूत था। उधर, ग्रामीणों का आरोप है कि बालू माफिया ने जगह-जगह गहरा खनन करके मौत के कुएं बना दिए हैं। इनमें अभी और हादसे संभावित हैं। हालांकि, खदान संचालक इस हादसे से अपना कोई सरोकार नहीं मानते। उनका कहना है कि उनका खनन नदी किनारे हो रहा है। दूर हटकर होने वाले खनन के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। जबकि बालू खदान संचालक का अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए यह कथन झूठ माना जा रहा है।
संवाद विनोद मिश्रा

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा की बैठक सम्पन्न

March 06, 2021

महराजगंज डीवीएनए। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सिसवा विकास खण्ड के ग्रामसभा गोपाला में भाजपा की बैठक सम्पन्न हुयी।
बैठक में भारतीय जनता पार्टी के वार्ड प्रभारी अमित अंजन व वार्ड संयोजक महेश चैरसिया ने बैठक को संबोधित करते हुए कहे कि भारतीय जनता पार्टी क्षेत्र में गांव में नेता बना रही है जिस से आने वाले भविष्य में किसी को दिक्कत महसूस ना हा,े जो सरकार की योजना है जन जन तक पहुंचे और यह काम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है, सरकार बहुत योजना चलाती है और जनता तक नहीं पहुंच पाती है जनता तक तभी पहुंचेगा जब भारतीय जनता पार्टी का नेता चुनाव जीतेगा सभी ने सहमति बनाया और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को ही चुनाव जिताने के लिए कमर कसे।
बैठक में मंडल उपाध्यक्ष मंजेश पटेल, धर्म जागरण से नरेंद्र पाल, धर्मनाथ खरवार,दीपक मिश्रा, ग्राम प्रधान सीताराम गुप्ता, सेक्टर संयोजक सुग्रीव साहनी, ग्राम संयोजक अनिल राज गुप्ता, लाल बचन चैधरी, रामचंद्र गौतम, प्रेम यादव, भरत कनौजिया, बाबू नंदन गौड़ आदि दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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RK Sinha Editorial: मूल शोध पर ही मिले पीएचडी

March 05, 2021

   

आर.के. सिन्हा

दिल्ली विश्वविद्यालय के हालिया संपन्न 97वें दीक्षांत समारोह में 670 डॉक्टरेट की डिग्रियां दी गईं। मतलब यह कि ये सभी पी.एच.डी. धारी अब अपने नाम के आगे “डा.” लिख सकेंगे। क्या इन सभी का शोध पहले से स्थापित तथ्यों से कुछ हटकर था? बेशक, उच्च शिक्षा में शोध का स्तर अहम होता है। इसी से यह भी तय किया जाता है कि पीएचडी देने वाले विश्वविद्यालय का स्तर किस तरह का है। अगर अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीच्यूट आफ टेक्नालॉजी (एमआईटी), कोलोरोडा विश्वविद्लाय, ब्रिटेन के कैम्ब्रिज और आक्सफोर्ड विश्वविद्लायों का लोहा सारी दुनिया मानती है तो कोई तो बात होगी ही न ? यह सिर्फ अखबारों में विज्ञापन देकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्लाय नहीं बने हैं।

इनका नाम उनके विद्यार्थियों द्वारा किये गये मौलिक शोध के कारण ही हैं I बड़ा सवाल यह है कि क्या हमारे यहां हर साल जो थोक के भाव से पीएचडी की डिग्रियां दी जाती हैं, उनका आगे चलकर समाज या देश को किसी रूप में लाभ भी होता है? सिर्फ दिल्ली विश्वविद्लाय ने एक वर्ष में 670 पीएचडी की डिग्रियां दे दीं। अगर देश के सभी विश्वविद्लायों से अलग-अलग विषयों में शोध करने वाले रिसर्चर को मिलने वाली पीएचडी की डिग्री की बात करें तो यह आंकड़ा हर साल हजारों में पहुंचेगा। मतलब हरेक दस सालों के दौरान देश में लाखों नए पीएचडी प्राप्त करने वाले पैदा हो ही जाते हैं। क्या इन शोध करने वालों का शोध भी मौलिक होता है? क्या उसमें कोई इस तरह की स्थापना की गई होती है जो नई होती है? यह सवाल पूछना इसलिये जरूरी है, क्योंकि; हर साल केन्द्र और राज्य सरकारें बहुत मोटी राशि पीएचडी के लिए शोध करने वाले शोधार्थियों पर व्यय करती हैं। इन्हें शोध के दौरान ठीक-ठीक राशि दी जाती है ताकि इनके शोध कार्य में किसी तरह का व्यवधान या अड़चन न आए और इनका जीवन यापन भी चलता रहे ।

निश्चय ही उच्च कोटि के शोध से ही शिक्षण संस्थानों की पहचान बनती है। जो संस्थान अपने शोध और उसकी क्वालिटी पर ध्यान नहीं देते उन्हें कभी गंभीरता से नहीं लिया जाता। देश में सबसे अधिक पीएचडी की डिग्रियां तमिलनाडू, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में दी जाती है। मानव संसाधन मंत्रालय की 2018 में जारी एक रिपोर्ट पर यकीन करें तो उस साल तमिलनाडू में 5,844 शोधार्थियों को पीएचडी दी गई। कर्नाटक में पांच हजार से कुछ अधिक शोधार्थी पीएचडी की डिग्री लेनें में सफल रहे। उत्तर प्रदेश में 3,396 शोधार्थियों को यह डिग्री मिली। बाकी राज्य भी पीएचडी देने में कोई बहुत पीछे नहीं हैं।

भारत में साल 2018 में 40.813 नए पीएचडीधारी सामने आए। आखिर इतने शोध होने का लाभ किसे मिल रहा है? शोध पूरा होने और डिग्री लेने के बाद उस शोध का होता क्या है? क्या इनमें से एकाध प्रतिशत शोधों को प्रकाशित करने में कोई प्रकाशक तैयार होते हैं ? कोई प्रतिष्ठित अखबार की नजर भी उन शोधों पर जाती है ? क्या हमारे यहां शोध का स्तर सच में स्तरीय या विश्व स्तरीय होता है? यह बहुत जरूरी सवाल हैं। इन पर गंभीरता से बात होनी भी जरूरी है। जो भी कहिए हमारे यहां शोध को लेकर कोई भी सरकार या विश्वविद्यालय बहुत गंभीरता का भाव नहीं रखता ।

भारत में जब उच्च शिक्षा संस्थानों की शुरुआत हुई थी तभी क्वालिटी रिसर्च को बहुत महत्व नहीं दिया गया। निराश करने वाली बात यह है कि हमने शोध पर कायदे से कभी फोकस ही नहीं किया। अगर हर साल हजारों शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री मिल रही है तो फिर इन्हें विश्व स्तर पर सम्मान क्यों नहीं मिलता। माफ करें हमारी आईआईटी संस्थानों की चर्चा भी बहुत होती है। यहां पर भी हर साल बहुत से विद्यार्थियों को पीएचडी मिलती है। क्या हमारे किसी आईआईटी या इंजीनियरिंग के कॉलेज के किसी छात्र को उसके मूल शोध के लिए नोबेल पुरस्कार के लायक माना गया? नहीं न। अगर आप अकादमिक दुनिया से जुड़े हैं तो आप जानते ही होंगे कि हमारे यहां पर शोध का मतलब होता है पहले से प्रकाशित सामग्री के आधार पर ही अपना रिसर्च पेपर लिख देना। आपका काम खत्म। यही वजह है कि शोध में नएपन का घोर अभाव दिखाई देता है। यह सच में एक घोर दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि हमारे यहां पर शोध के प्रति हर स्तर पर उदासीनता का भाव है। शोध इसलिए किया जाता है ताकि पीएचडी मिल जाए और फिर एक अदद नौकरी। आप अमेरिका का उदाहरण लें। वहां के विश्वविद्लायों में मूल शोध पर जोर दिया जाता है। इसी के चलते वहां के शोधार्थी लगातार नोबेल पुरस्कार जीत पाने में सफल रहते हैं। इस बहस को जरा और व्यापक कर लेते हैं।

हमारी फार्मा कंपनियों को ही लें। ये नई दवाओं को ईजाद करने के लिए होने वाले रिसर्च पर कितना निवेश करती है? यह मुनाफे के अनुपात में बहुत ही कम राशि शोध पर लगाती हैं। यही हालत हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की रही हैं। इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड (आईडीपीएल) की ही बात कर लें। इसकी स्थापना 1961 में की गई थी, जिसका प्राथमिक उद्देश्य आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं में आत्मनिर्भरता हासिल करना था। पर इसे करप्शन के कारण घाटा पर घाटा हुआ। यहाँ भी कभी कोई महत्वपूर्ण शोध नहीं हुआ।

अब देखिए कि भारत में शोध के लिए सुविधाएं तो बहुत बढ़ी हैं, इंटरनेट की सुविधा सभी शोधार्थियों को आसानी से उपलब्ध है, प्रयोगशालाओं का स्तर भी सुधरा है, सरकार शोध करनेवालों की आर्थिक मदद भी करती है। इसके बावजूद हमारे यहां शोध के स्तर घटिया ही हो रहे हैं। तो फिर हम क्यों इतनी सारी पीएचडी की डिग्रियों को बांटते ही जा रहे हैं? आखिर हम साबित क्या करना चाहते हैं? मैं इस तरह के अनेक शोधार्थियों को जानता हूं जिन्होंने कुछ सालों तक अपने विश्वविद्लायों से पीएचडी करने के नाम पर पैसा लिया और वहां के छात्रावास का भी भरपूर इस्तेमाल किया। उसके बाद वे बिना शोध पूरा किए अपने विश्वविद्लाय को छोड़ गए या वहीँ बैठकर राजनीति करने लगे ।

एक बात समझ लें कि हमेँ शोध की गुणवत्ता पर बहुत ध्यान देना होगा। उन शोधार्थियों से बचना होगा जो दायें-बायें से कापी-कट और पेस्ट कर अपना शोध थमा देते हैं। इस मानसिकता पर तत्काल से रोक लगनी चाहिए। शोध का विषय तय करने का एक मात्र मापदंड यही हो कि इससे भविष्य में देश और समाज को क्या लाभ होगा? शोधार्थियों के गाइड्स पर भी नजर रखी जाए कि वे किस तरह से अपने शोधार्थी को सहयोग कर रहे हैं। बीच-बीच में शिकायतें मिलती रहती हैं कि कुछ गाइड्स अपने शोधार्थियों को प्रताड़ित करते रहते हैं। इन सब बिन्दुओं पर भी ध्यान दिया जाए।

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तभकार और पूर्व सांसद हैं।)

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