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DM साहब देखिये सच्चाई: डेढ़ सौ अधूरे शौचालयों में कंडा-भूसा और ईंधन

  • नरैनी ब्लाक क्षेत्र के कई गांवों में – स्वच्छता मिशन का उड़ रहा मखौल!
  • शौचालय की पहली किस्त के बाद लाभार्थियों को ठेंगा
  • निवर्तमान ग्राम प्रधान और सचिवों ने किया है खेल!
    बांदा डीवीएनए। डीएम आनन्द सिंहगजब हो गया।सावधान हो जाइयेऔर अपने जिले में वह नजारा देखिये जो आपके नकारा अफसर आप से आकड़ों के खेल में छिपाते हैं।स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव बनाए गए शौचालयों में निवर्तमान प्रधानों और ग्राम पंचायत सचिवों ने योजना को मखौल बना दिया है।उदाहरण में हम आपको खबर में नरैनी तहसील इलाके का नजारा दिखाते हैं। इस तहसील में बिल्हरका ग्राम पंचायत अंतर्गत बोड़ा पुरवा, बिदुवा पुरवा, रानीपुर और भांवरपुर इसके उदाहरण हैं।
    उपरोक्त गांवों में लगभग 150 शौचालयों में भूसा, कंडा, ईंधन, पुआल आदि भरा हुआ है। यह अधूरे होने से लाभार्थियों के शौच के काम नहीं आ सके। बोड़ा पुरवा में 40 शौचालय अधूरे पड़े हैं। इन सभी में ग्रामीणों ने भूसा, कंडा, लकड़ी और फसल अवशेष भर रखे हैं। लाभार्थी ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत से उन्हें सिर्फ एक हजार रुपये मिले। कहा गया कि दीवारें बनाकर सीट लगवा लें। लाभार्थियों ने ऐसा ही किया, लेकिन अगली किस्त नहीं मिली। शौचालय अधूरे और बिना दरवाजे के रह गए।
    बोड़ा पुरवा के राजाराम, बाबू, बहोरी, मुन्ना, लल्लू, संतू, लीला, प्रताप, लक्ष्मी आदि ने बताया कि उन्हें सिर्फ एक हजार रुपये ही मिले। बांदा मुख्यालय से आया ठेकेदार ये पैसा दिलवा गया था। शौचालय इस्तेमाल के लायक ही नहीं हैं। प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अब कोई सुनने वाला भी नहीं है। उधर, इस बाबत खंड विकास अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि संयुक्त टीम गठित करके अधूरे शौचालयों की जल्द ही जांच कराएंगे। कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।अब समझ में यह नहीं आता किखण्ड विकास अधिकारी स्वयं ही जाकर नजारा क्यों नहीं देख लेते और कार्यवाई करते।
    संवाद विनोद मिश्रा
Digital Varta News Agency

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