बांदा। (डीवीएनए) शाह वारसी का तीन दिवसीय उर्स रस्मे चिरागां के साथ संपन्न हो गया। हिदू-मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों अकीदतमंदों ने चादर चढ़ाई। रात में खानकाही कव्वाली की महफिल सजी। इस मौके पर मन्नतें मांगने के साथ फातेहा पढ़ी गई।
आपसी सौहार्द की मिसाल मिस्कीन शाह वारसी की दरगाह में पिछले तीन दिन से उर्स का आयोजन चल रहा था। दूर-दूर से अकीदतमंद दरगाह में जियारत करने पहुंचे। दरगाह में मेला लगा और अकीदतमंदों की भीड़ जुटी।
रात में दरगाह परिसर में खानकाही कव्वालियों की महफिल सजी। सुबह करीब सवा चार बजे हजरत वारिस अली शाह देवा शरीफ की कुल शरीफ विशेष फातेहा हुई। तगय्युर शाह वारसी के साथ अकीदतमंदों ने फातेहा पढ़ी और दुआ मांगी।
संवाद:- विनोद मिश्रा
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