आगरा। (डीवीएनए) राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में वर्चुअल माध्यम से टीबी फोरम की बैठक का आयोजन किया गया। जिला क्षय रोग केंद्र आगरा द्वारा संचालित बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी जे रीभा व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने की।
वर्चुअल टीबी फोरम की बैठक में सर्वप्रथम जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ यूवी सिंह ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। इसके उपरांत जिला क्षय रोग केंद्र द्वारा वर्ष 2020-21 की वर्तमान स्थिति एवं पिछले 3 वर्षों की उपलब्धियों को बिंदुवार प्रस्तुत किया गया।
इसमें डीटीओ ने बताया कि वर्ष 2021 में कुल 4094 मरीज नोटिफाई हो चुके हैं। पिछले वर्ष 2020 में 16774 मरीज, 2019 में 30160, एवं वर्ष 2018 में 12293 मरीजों को नोटिफाई किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में चार सीबीनाट मशीन संचालित हैं जिनसे समस्त शहरवासियों की यूडीएसटी जांच निरंतर की जा रही है। इसके साथ जनपद में 8 ट्रूनेट मशीनों द्वारा भी 6 रोगियों की जांच की जा रही है।
जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि जनपद में टीबी के कार्यक्रम में सहयोग हेतु जीत प्रोजेक्ट, अक्षय प्रोजेक्ट, जन चेतना सेवा समिति एवं जी एल आर ए स्वयंसेवी संस्थाओं के रूप में कार्य कर रहे हैं।
डीटीओ ने बताया टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान 26 दिसंबर 2020 से 25 जनवरी 2021 तक संचालित किया गया। जिसके प्रथम चरण में 4 मरीज एवं द्वितीय चरण में 222 मरीज तथा तृतीय चरण में 84 नए मरीजों को चिन्हित किया गया। बैठक में सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के क्षय एवं वक्ष रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर संतोष कुमार ने बताया कि कोविड-19 के कारण लगी लॉकडाउन में एसएन की सभी ओपीडी बंद रहीं, जिस कारण से रोगियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
इसको दूर करने के लिए 1 मार्च 2021 से ओपीडी सेवाएं पूर्व की भांति सप्ताह के 6 दिन संचालित की जाएंगी एवं मरीजों को 24 घंटे भर्ती करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि नोटिफिकेशन में जनपद आगरा पिछले 3 वर्षों से निरंतर प्रदेश में नंबर वन चला आ रहा है।
इसके लिए जिला क्षय रोग अधिकारी एवं उनकी टीम प्रशंसा की पात्र है। स्टेट टीबी डेमोंस्ट्रेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर के निदेशक डॉक्टर शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि टीबी मुक्त करने हेतु सबसे पहले एक गांव एक ब्लॉक एक तहसील एवं एक जिला जनपद आगरा को टीबी मुक्त करने की मुहिम चलाई जानी चाहिए।
एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ आशीष गौतम ने सुझाव दिया कि क्षय रोग से ग्रसित ऐसे मरीज जिनको दवाई खाने के बाद शारीरिक परेशानियां होती हैं।
उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए समय-समय पर मरीजों के लिए न्यूट्रीशन सपोर्ट के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए जिससे कि मरीज का इलाज अधूरा ना छूटे। आई एम ए आगरा के सेक्रेटरी डॉ संजय चतुर्वेदी ने बताया कि जिला क्षय रोग केंद्र प्रदेश में नंबर वन है। ऐसा हमेशा बना रहे इसके लिए आई एम ए आगरा हर संभव मदद करने को तत्पर है।
बैठक में क्षय रोग से ठीक हो चुके मरीजों रवि कुमार, अंजनी सिंह, दीपक कुमार, युवराज सिंह, राकेश कुमार ने भी प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि उन्हें सही समय पर उपचार मिला। जिससे वह पूर्ण रुप से टीबी की बीमारी से मुक्त हो गए हैं साथ ही भारत सरकार की नि क्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली धनराशि भी उनके बैंक खाते में समय से प्राप्त हुई।
मुख्य विकास अधिकारी आगरा ने जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ यू वी सिंह द्वारा जनपद आगरा में टीबी कार्यक्रम के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई।
टीबी फोरम की बैठक में जिला क्षय रोग केंद्र आगरा की समस्त टीम सहित जनचेतना सेवा समिति के डॉ वाईएस परमार, सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ प्रभात अग्रवाल डीपीएम कुलदीप भारद्वाज कम्युनिटी रेडियो आगरा की आवाज की पूजा सक्सेना, सीफार संस्था की मंडलीय समन्वयक राना बी, सी एच आर आई शैलेंद्र उपाध्याय, सीनियर एसोसिएट जितेंद्र गौतम, ऑपरेशन लीड जीत प्रोजेक्ट के महावीर सोलंकी, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सीबीसीआई कार्ड अक्षय के पूरन सिंह, ज़िला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह उपस्थित रहे। टीबी फोरम के अंत में जिला कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश शिरोमणि द्वारा समस्त प्रतिभागियों का धन्यवाद देकर बैठक का समापन किया गया।
संवाद:- दानिश उमरी
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