आगरा (डीवीएनए) एक तरफ शहर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने पर जोर दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर राजकीय बालिका इंटर काॅलेज में जमीन पर बैठकर पढ़ती छात्राएं सरकार के दावों की पोल खोल रही हैं। शाहगंज स्थित राजकीय बालिका इंटर काॅलेज में छात्राओं को पढ़ने के लिए बैंच नहीं हैं। वह जमीन पर बिछी पट्टियों पर बैठकर पढ़ती हैं। काॅलेज की चारदीवारी भी नहीं हैं। जिससे कोई भी बिना रोकटोक के आ जा सकता है। चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस ने डीएम से इसके समाधान की मांग की है।
राजकीय बालिका इंटर कालेज आगरा में छात्राओं के बैठने के लिए कक्षाओं मे बैंच नहीं हैं। छात्राएं जमीन पर बिछी पट्टियों पर बैठकर पढ़ती हैं। जबकि प्राथमिक विद्यालायों में भी बैंच हैं जहां पर छोटे-छोटे बच्चे भी बैंच पर बैठकर पढ़ते हैं लेकिन राजकीय बालिका इंटर कालेज की कक्षाओं में बैंच नहीं हैं। जमीन में बैठकर पढ़ने से छात्राओं के आत्मविश्वास की कमी आती है। बालिकाओं को लेकर सरकार बहुत गंभीर है। बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। वर्तमान में भी मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। राजकीय बालिका इंटर काॅलेज में भी बालिकाओं के बैठने के लिए बैंच की व्यवस्था होनी चाहिए। यहां कक्षा छह से इंटर तक की छात्राएं पढ़ती हैं। सभी को जमीन पर बिछी पट्टियों पर बैठकर पढ़ना पड़ता है। सर्दियों में फर्श ठंडा रहता है। जमीन बैठकर पढ़ने में ठंड भी लगती है। काॅलेज के बाहर बाउंड्रीवाल भी नहीं है। जिसके चलते बालिकाओं की सुरक्षा पर भी प्रश्न खड़ा होता है। बाउंड्रीवाल न होने के कारण सड़क से आने जाने वाला हर व्यक्ति काॅलेज की ओर देखता हुआ निकलता है। कोई गेट भी नहीं है। कोई भी कभी कहीं से भी स्कूल में प्रवेश कर सकता है।
इस संबंध में चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने डीएम तथा एडीएम सिटी को पत्र दिया है। जिसमें मांग की है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाआ अभियान, मिशन शक्ति अभियान, जिलाधिकारी कोष अथवा अन्य किसी मदद से राजकीय बालिका इंटर कालेज की कक्षाओं में बैंच लगवाएं तथा बाउंड्रीवाल कराएं। जिससे बालिकाएं बैंच पर बैठकर पढ़ सकें। जिससे उनका आत्मविश्वास भी बना रहे। साथ ही बाउंड्रीवाल होने और गेट लगने से छात्राएं खुद को सुरक्षित महसूस करेंगीं।
संवाद , दानिश उमरी