बांदा (डीवीएनए)। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे बुंदेलियो कें लिये विकास के मामले में मील का पथ्थर साबित होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बुंदेलियों संग इससे जुड़े जिलों के लिए भी फायदे मंद साबित होगा, क्योंकि प्रदेश सरकार इन जिलों के गांवों तक भी पक्की सड़क का तोहफा देने जा रही है। बुंदेलखंड के पांच जिलों बांदा, हमीरपुर, जालौन, महोबा, चित्रकूट, जालौन संग औरैया और इटावा (सात जिलों) से होकर बनने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे सिर्फ लंबे रूट वाले यात्रियों के लिए ही लाभकारी ही नहीं साबित होगा, बल्कि योजना में शामिल सभी सातों जिलों के दो सौ से ज्यादा गांवों के लोगों के लिए राह भी आसान करेगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ पांच किलोमीटर दायरे में आने वाले ये गांव एक्सप्रेस-वे तक पक्की सड़क से जोड़ दिए जाएंगे। इस बाबत उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए डिप्टी सीएम ने पीडब्ल्यूडी से इस बाबत के प्रस्ताव भी मांगे हैं, ताकि इन गांवों के लोग भी अपने गांव से पक्की सड़क से होकर एक्सप्रेस-वे तक आ सकें।
इस नई योजना से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में शामिल बुंदेलखंड के पांच जनपदों सहित सभी सातों जिलों के दो सौ से भी ज्यादा गांवों के लोग लाभान्वित होंगे। इसमें बुंदेलखंड के डेढ़ सैकड़ा से ज्यादा गांव भी शामिल हैं। एक्सप्रेस-वे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) करा रहा है। इसमें शामिल सातों जिलों में तेजी से काम चल रहा है। अगले वर्ष के अंत तक इसके पूरा होने के आसार हैं। एक्सप्रेस-वे की चैड़ाई छह लेन (110 मीटर) है। यूपीडा ने इस सड़क के लिए 3632 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन खरीदी और अधिगृहीत की है।
राहगीरों और पशुओं के लिए अलग राह
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा, लेकिन फिलहाल पक्की सड़क सिर्फ चार लेन की होगी। इनकी चैड़ाई 110 मीटर होगी। दो लेन बाद में विस्तारित किए जाएंगे। पैदल चलने वाले राहगीरों और पशुओं के लिए अंडरपास भी बनाया जाएगा। पूरे एक्सप्रेस-वे में चार रेलवे ओवरब्रिज, 11 बड़े पुल (दीर्घ सेतु), छह टोल प्लाजा, सात रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल (लघु सेतु) और 18 फ्लाई ओवर भी बनाए जाएंगे।
सबसे ज्यादा 64 गांव जालौन के
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जिन जनपदों के गांवों से गुजर रहा है। उसमें सबसे ज्यादा 64 गांव जालौन जनपद के हैं। औरैया जिले में 37, हमीरपुर जिले में 29, बांदा जिले में 28, चित्रकूट जिले में नौ, महोबा जिले में आठ और इटावा जिले में सात गांव शामिल हैं।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण में पेड़-पौधों को भी बलि देनी पड़ी है। सातों जिलों में 1,89,036 पौधे (छोटे पेड़) और 1261 वृक्ष (बड़े पेड़) काटे गए हैं। सबसे ज्यादा 625 बड़े पेड़ बांदा में एक्सप्रेस-वे की भेंट चढ़े हैं। इसके अलावा हमीरपुर जिले में 286, चित्रकूट जिले में 159, महोबा जिले में 86, जालौन जिले में 97 और औरैया में आठ बड़े पेड़ों को काटा जाना बताया गया है। यूपीडा के मुताबिक, इटावा में कोई बड़ा पेड़ नहीं कटा है। यह सूचना आरटीआई में यूपीडा ने आरटीआई कार्यकर्ता कुलदीप शुक्ल को दी।
टोल टैक्स देकर ही दौड़ेंगे वाहन
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का सफर मुफ्त नहीं होगा। एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले वाहनों को टोल टैक्स भी अदा करना होगा। यूपीडा के मुताबिक, पूरे 296 किलोमीटर के लंबे एक्सप्रेस-वे में 13 स्थानों पर टोल टैक्स लिया जाएगा। अलबत्ता किसी भी स्थान से प्रवेश करने पर एक बार टोल टैक्स देना होगा। यह सूचना आरटीआई में दी गई है।
संवाद विनोद मिश्रा
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बुन्देलखंड एक्सप्रेसवे का जलवा, पांच-पांच किलोमीटर के गांव भी सड़कों से जुड़ेंगे
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