कानपुर (डीवीएनए)। कोविड के चलते देश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कोविड-19 के निर्देश अनुसार कई सारी गाइडलाइंस जनता एवं शासन प्रशासन अधिकारियों के द्वारा भी कड़े नियमों का पालन किया जा रहा है। फिर भी देश में कोरॉना ने अभी भी पैर पसारे हुए हैं। लगातार नए केसेस सामने आ रहे हैं यह अलग बात है देश की अर्थव्यवस्था की भारी क्षति को देखते हुए लॉकडाउन पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया।
कई राज्यों में पुणे लॉकडाउन जैसी स्थिति सामने आई लंबे समय से लॉकडाउन के बाद समान जनजीवन पहले से ही बहुत मंदी का दौर खेल रहा है। लॉकडाउन से लोगों को काफी और कठिनाइयां सामने आएंगी इसी के चलते कुछ सामाजिक संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा कोविड-19 पर नियंत्रण आने के लिए सरकार का साथ देने की पूरी कोशिश की जा रही है। उसी के चलते एक जन आंदोलन के तौर पर या मुहिम स्टोप इंडिया स्पिटिंग भी काफी देर से बढ़ रही है। इस आंदोलन के तहत क कई राज्यों में काफी प्रयास किए जा रहे हैं। किस सार्वजनिक स्थानों एवं खुले स्थानों पर थूकने से लोगों को रोका जाएं इससे ना सिर्फ शहरों में गंदगी नजर आती है। बल्कि इससे ही महामारी का फैलाव हो रहा है लोगों की ऐसी आदत बीमारियों की जड़ है । यदि आपको थूकना ही है तो शौचालय में या किसी ऐसे स्थान पर थूके जहां पर थूक को पानी से बहा दिया जाए।
महामारी के दौर में लोगों की हर सार्थक मदद के साथ ही साथ कई मुद्दों एवं कुरीतियों प्रति जन जागरूकता फैलाने वाली कानपुर के वरिष्ठ समाजसेवी शाजिया तश नेम सिद्दीकी उत्तर प्रदेश से इस आंदोलन को चला रही है शाजिया का कहना है। कि भले ही आम दिनों में हम इस चीज को नजरअंदाज कर सकते हैं। लेकिन कोरोना के समय इस चीज को नजरअंदाज करना एक बड़े खतरे को आमंत्रण देना होगा कोरोना लार से फैलता है जभी कोरोना से बचने के लिए हमें छिकते समय मुंह पर कपड़ा लगाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा बोला गया तो सोचिए जब हम खुले स्थानों पर थूकते है। तो किस तरह से हम अपने और अपने परिवारों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके प्रति हमें जागरूक होना अति आवश्यक हैं।
अगर हम खुद इस चीज को नहीं करते तो दूसरों को भी इस चीज को करने से रोके खुले स्थानों पर कहीं भी थूकना एवं दूसरों को थूकते हुए देखना हमारी आदत पड़ गई है। इसलिए इस बात पर हमें कुछ अटपटा नहीं लगता लेकिन शहरों में जहां कहीं भी आप नजर डालें आपको यह दिखाई देगा विशेषकर के उत्तर प्रदेश में यह एक आदत में शुमार है। अच्छा स्वास्थ्य एवं स्वस्थ वातावरण चाहते हैं तो हमें इस पर भी रोकथाम करनी होगी।
इसके प्रति स्वयं भी जागरूक हो और लोगों को भी जागरूक करें हर हर कार्य के लिए हम सरकार क्यों पर निर्भर नहीं रह सकते कुछ कार्य खुद भी करने होंगे। शाजिया ने कहा इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाना है इसके लिए उत्तर प्रदेश में वे और उनकी टीम हर सार्थक प्रयास करेंगे। वही उनका कहना है सरकार द्वारा कोविड-19 से बचाव के जो गाइडलाइंस एवं नियम निर्देश किए गए हैं। उनमें एक नियम सार्वजनिक, खुले स्थानों पर ना थूकने कभी नियम निर्देशक किया जाए। जिसकी शुरुआत सरकारी कार्यस्थल की जाए।
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