लखनऊ। डीवीएनए
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आज किसानों के भारत बंद को समाजवादी पार्टी ने पूर्ण समर्थन दिया। प्रदेश के सभी जनपदों में समाजवादी कार्यकर्ताओं ने किसानों की मांगों के समर्थन में आज किसान यात्राएं निकाली और बंद में भी भागीदारी की। समाजवादी पार्टी की किसान साइकिल यात्राएं अगले निर्देश तक लगातार चलती रहेगी।
पुलिस की जगह-जगह रोक-टोक के बावजूद आज भारत बंद पर समाजवादी कार्यकर्ताओं ने विभिन्न जनपदों में जलूस निकाले, ट्रेनें रोकी, बाजार बंद कराया और सड़कों पर धरना दिया। समाजवादी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने बाधाएं खड़ी की और उन पर लाठीचार्ज किया। धरना दे रहे नेताओं को सड़क पर बेदर्दी से घसीटा गया। कई नेता-कार्यकर्ता पुलिस द्वारा निर्दयतापूर्ण शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बल प्रयोग से घायल हो गए। तमाम नेताओं को घरों में नज़रबंद कर दिया गया।
समाजवादी पार्टी के सैकड़ों विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों एवं जिलाध्यक्षों, महानगर अध्यक्षों सहित हजारों कार्यकर्ताओं को आज गिरफ्तार किया गया। अधिवक्ताओं ने अदालतों में कार्य बहिष्कार किया। किसान भाइयों ने भीख मांगकर अपना विरोध जताया। कई जगह बैलगाड़ी और ट्रैक्टर के साथ प्रदर्शन किया गया।
राजधानी में समाजवादी पार्टी के कई विधायक विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह के प्रतिमा स्थल तक पहुंच कर भाजपा की किसान विरोधी कुनीतियों के खिलाफ मौन धरना दिया। धरने में सर्वश्री आनन्द भदौरिया, सुनील सिंह साजन, उदयवीर सिंह, डाॅ0 राजपाल कश्यप, वासुदेव यादव, संतोष सनी, आशू मलिक तथा हीरालाल यादव शामिल हुए। प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल ने फतेहपुर में देवमई ब्लाक में किसान साइकिल यात्रा का नेतृत्व किया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं, नेताओं, पदाधिकारियों को किसानों के समर्थन में साइकिल यात्राएं निकालने ओर भारत बंद में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री जी के इशारे पर समाजवादी पार्टी के नेताओं को घरों में नज़रबंद करना लाठीचार्ज और उनकी गिरफ्तारी अलोकतांत्रिक है। किसानों के संघर्ष में समाजवादी साथ खड़े रहेंगे। समाजवादी पार्टी के लोकतांत्रिक योद्धाओं की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। भाजपा हताश है क्योंकि किसानों के साथ जनता भी जुड़ गई है। जब सत्ता दमनकारी हो जाती है तो आंदोलन को क्रांति बनते देर नहीं लगती है। देखते हैं भाजपा कितने दिन सत्ता में रह सकेगी?
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