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शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के दौरान बरतें ये सावधानियां, नहीं तो...

- बड़े काम के हैं बेलपत्र
- बेलपत्र चढ़ाने के तरीके भी हैं अहम

सावन का महीना चल रहा है। शिवभक्ति में यह संसार लीन है। कहते हैं कि सावन में यदि भगवान शिव की ठीक तरह से पूजा की जाए, तो मन के सारे मुराद पूरे होते देर नहीं लगती। भगवान शिव बेलपत्र चढ़ाने से बड़े प्रसन्न होते हैं। इससे उनकी कृपा पाने में तनिक भी देर नहीं लगती। वैसे तो बेलपत्र देखने में साधारण सा प्रतीत होता है, लेकिन इसकी महिमा इतनी है कि इसे जानने के बाद आप दांतों तले अंगुली दबा लें।

ये पत्तियां बेल के पेड़ों से मिलती हैं। इसकी खासियत यह है कि एक में ही तीन पत्तियां जुड़ी होती हैं। फिर भी इसे एक पत्ता ही माना जाता है। बेलपत्र का महादेव शिव की आराधना में विशेष स्थान है। कहते हैं कि इसके बिना उनकी पूजा अधूरी है। भले ही इसका दैवीय महत्व हो, लेकिन आपको यह जान कर भी आश्चर्य होगा कि बेलपत्र औषधीय गुणों से भी भरपूर है। इससे कई प्रकार की बीमारियों से हमेशा के लिए निजात पाई जा सकती है। जब आप भगवान शिव पर बेलपत्र अर्पित कर रहे हैं, तो इस बा का जरूर ख्याल रखें कि तीन पत्तियां ही हों। साथ ही वे टूटी हुई भी नहीं होनी चाहिए और न ही उनमें किसी तरह का छेद होना चाहिए और न ही व किसी अन्य प्रकार से खराब दिख रही हों। ध्यान रहे कि पूजा के वक्त इसे चढ़ाने के दौरान केवल इसके चिकने भाग की तरफ से ही चढ़ाएं। इसके अलावा इसे चढ़ाते वक्त यह ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है कि आप इसे जल के साथ ही चढ़ाएं।

कैसे नहीं होगा विवाह?

यदि आपका विवाह नहीं हो पा रहा है या फिर आप महादेव से मनचाहा वर पाने की इच्छा रखते हैं, तो बेलपत्र पर चंदन से राम लिखें और ‘ऊं नमः शिवाय’ कहते हुए बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं। सावन में यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह आपको जरूर लाभ देगा, ऐसी मान्यता है। इन बेलपत्रों की संख्या 108 होनी चाहिए। चढ़ाते समय आप किसी भी बर्तन में चंदन का इत्र निकाल लें। इसमें बेलपत्र को डुबो कर शिवलिंग पर अर्पण करते चलें। हर अर्पण के साथ ‘ऊं हौं जूं सः’ कहना न भूलें। इस मंत्र के जाप के बाद यह भी कहें कि भगवान आपका स्वास्थ्य ठीक हो जाए। ऐसा आप सावन में हर दिन या किसी भी दिन अपनी पसंद के अनुसार कर सकते हैं।

संतान चाहिए तो यह करें

वे लोग जो संतान सुख से वंचित हैं, वे यदि बेलपत्र का इस्तेमाल करें, तो उन्हें जल्द ही इस श्राप से मुक्ति मिल सकती है। इसके लिए उपाय यह है कि वे अपनी उम्र के अनुसार बेलपत्र लें। इन बेलपत्रों को एक बर्तन में निकाले दूध में एक-एक कर डुबा कर निकालें और फिर जल में भी डुबोते हुए उसे शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं। ध्यान रहे कि हर बार बेलपत्र का अर्पण करते समय ‘ऊं नमो भगवते महादेवाय’ कहना न भूलें। सबसे महत्वपूर्ण संतान को पाने के लिए महादेव से प्रार्थना करें। यदि आप इसे सावन के सोमवार के दिन करते हैं, तो यह बेहद फलदायी साबित होता है।

भक्ति का महत्व

बेलपत्र कितना चमत्कारी है, यह तो जान ही गये होंगे आप, लेकिन कलियुग में हैं तो यह जानना भी जरूरी है कि इस युग में चमत्कार कम ही होते हैं। ऐसे में भले ही आप किसी भी तरह से पूजा-अर्चना कर लें, लेकिन मन की शुद्धि के बिना कोई भी पूजा सफल नहीं हो सकती। इसलिए आप जब भी भगवान शिव की आराधना कर रहे हैं, तो पूरे भक्ति भाव से करें और अपने आपको पूरी तरह से भगवान के चरणों में समर्पित कर दें। फिर देखिए, दुनिया की कोई भी ताकत आपकी मनोकामना पूरी होने से कैसे रोक सकती है।

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