घर के बुद्धू ने घर लौटने की अटकलों को किया ख़ारिज
गांधीनगर. राजनीति में कब कौन कहां रहे, ये भला कौन बता सकता है. गुजरात में कांग्रेस के नेता रह चुके शंकर सिंह वाघेला के भाजपा में जाने के कयास लगने ही लगे थे कि उन्होंने इसे महज अफवाह बता कर ऐसी सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है.Photo courtesy: india.com |
जब अपने ही पराये बन जाएं तो कोई क्या करे? पार्टी से बर्खास्तगी से खिन्न दिखे वाघेला ने साफ कह दिया है चाहे वे कांग्रेस में रहे हों या भाजपा में हर जगह वे साजिश का शिकार हुए हैं. पार्टी से वे बाहर तो हुए हैं, लेकिन अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई से नहीं.
आलाकमान ने पहले ही चेताया था
बता दें कि गुजरात कांग्रेस ने गुरुवार को वाघेला को चेता दिया था कि वे अपने जन्मदिन के बहाने समर्थकों व विधायकों के साथ किसी तरह की राजनीति में शामिल न हों और सार्वजनिक बयानबाजी न करें. अन्यथा पार्टी उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी.वाघेला 1990 के दशक के अंत से पहले भाजपा के प्रमुख नेता थे, लेकिन पार्टी से अलग होकर उन्होंने एक नई पार्टी बना ली थी जिसका बाद में उन्होंने कांग्रेस में विलय कर दिया था.